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नौ सूत्री मांगों को लेकर समाहरणालय संवर्ग कर्मी गये हड़ताल पर

मतदाता पुनरीक्षण सहित कई सरकारी काम कार्य होगा बाधित

नौ सूत्री मांगों को लेकर सोमवार से जिले के समाहरणालय संवर्ग के कर्मी हड़ताल पर चले गये हैं. सोमवार को मांगों के समर्थन में समाहरणालय संवर्ग के कर्मियों द्वारा मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते हुए अशोक स्तंभ पर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी कर्मियों द्वारा मांगों को लेकर शांतिपूर्ण धरना दिया जा रहा है. हड़ताली कर्मियों ने बताया कि वे अपनी मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं. पहले काला बिल्ला लगाकर प्रदर्शन किया गया. एक दिन का सामूहिक उपवास भी किया गया. अब मांगे पूरी नहीं होने पर कर्मियों द्वारा हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया हैं. संघ के जिला मंत्री मुजाहिदुल इस्लाम ने बताया कि कर्मियों की मांगों को राज्य स्तर पर नजरअंदाज किया गया है. मांगों को लेकर राज्य सरकार का नजरिया सही नही है. केवल आश्वासन देने का काम किया गया है. इस बार भी हड़ताल पर जाने से रोकने के लिए कर्मियों को डराया-धमकाया जा रहा है. वहीं मांगों को लेकर पत्र में किसी प्रकार का कोई जिक्र नहीं किया गया है. इसके खिलाफ आंदोलन और भी तेज होगा. बताया कि उनके हड़ताल पर चले जाने से समाहरणालय सहित अनुमंडल व अंचल कार्यालयों में भी कामकाज प्रभावित होगा. प्रदर्शनकारी नेताओं ने बताया कि सभी नौ मांगों में सरकार द्वारा अनुमोदित उच्चस्तरीय समिति की अनुशंसा के आलोक में निम्नवर्गीय लिपिक के ग्रेड वेतन को 1900 से बढ़ाकर 2400 करने, उच्चवर्गीय लिपिक का ग्रेड वेतन-4200 करने, प्रधान लिपिक का ग्रेड वेतन-4600, कार्यालय अधीक्षक का ग्रेड वेतन-4800 तथा प्रशासी अधिकारी का ग्रेड वेतन-5400 करने की मांग की गयी. साथ ही उच्चस्तरीय समिति की अनुशंसा के आलोक में अविलंब पद सृजन की कार्रवाई करने, निम्नवर्गीय लिपिक से उच्चवर्गीय लिपिक के लिए प्रोन्नति हेतु निर्धारित कालावधि आठ वर्ष से घटाकर चार वर्ष करने तथा अन्य उच्चतर पदों के लिए प्रोन्नति के मामले में कालावधि में 50 प्रतिशत की छूट देने, एमएसीपी की काल अवधि 10 वर्षों से घटाकर आठ वर्ष करने, सभी लिपिकों के नाम में संशोधन करने, समाहरणालय व उसके अधीनस्थ सभी कार्यालयों में कार्यालय अधीक्षक (सहायक प्रशासी अधिकारी) का पद सृजित करते हुए कार्यालय अधीक्षक के पद को राजपत्रित पद घोषित करने, उपसमाहर्ता सीमित प्रतियोगिता परीक्षा में समाहरणालय संवर्ग के लिपिकों के लिए 50 प्रतिशत सीट सुरक्षित करने, चतुर्थवर्गीय कर्मियों को योग्यता एवं वरीयता के आधार पर बिना किसी परीक्षा के समाहरणालय लिपिकीय संवर्ग के 15 प्रतिशत आरक्षित पदों पर तुरंत प्रोन्नति प्रदान करने, साथ ही समाहरणालय एवं संलग्न कार्यालयों में कार्यरत संविदा कर्मियों की सेवा नियमित किये जाने की मांग की गयी. इसके अलावा आउटसोर्सिंग के आधार पर कार्यरत कर्मियों की सेवा को अनुबंध पर लेते हुए उनकी सेवा राज्य सरकार के अधीन करने की मांग की गयी. प्रदर्शन में अनुसचिवीय के जिला अध्यक्ष राकेश कुमार झा ने भी अपना समर्थन दिया. इस दौरान आलोक कुमार, रंजीत कुमार, अनिता झा, विनीता कुमारी, राजीव रंजन, नर्मदेश्वर पंडित, संजय सिंह, सोनी कुमार, पवन कुमार, सुनील कुमार, प्रदीप कुमार, शंभु कुमार, सुनील कुमार सहित कई कर्मी थे.

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