गोड्डा जिले में आलू के दामों में बेतहाशा वृद्धि हुई है. रातों रात आलू की कीमत बढ़ रही है. सोमवार को 12-13 सौ प्रति पैकेट की दर से आलू बेचा गया है. खुदरा बाजार में तो 35-40 रुपये प्रति किलो की दर से आलू बिक रहा है. प्याज व लहसून से तो पहले ही आम लोग दूर हो रहे थे. अब आलू भी लोगों की थाली से दूर होने लगा है. हालांकि पहले भी बाजार में आलू 20-22 रुपये प्रति किलो हो गया था. लोगों को ऊंची दर पर आलू मिल रहा था, लेकिन हाल के दिनों में बंगाल से आलू का रैक नहीं आने से और भी परेशानी बढ़ गयी है. जिले के थोक व्यापारियों के अनुसार गोड्डा में आलू बंगाल से मंगाया जाता है. लेकिन हाल के दिनों में बंगाल में आलू की आपूर्ति झारखंड में किये जाने पर भारी परेशानी हो गयी है. आलू की खेप को रोका जा रहा है. जहां-तहां चोरी-छिपे भी आलू मंगायी जाती है, तो वहां की पुलिस व आम लोगों द्वारा आलू नहीं जाने दिया जाता है. इससे यहां के कारोबारी आलू को चोरी-छिपे मंगा रहे हैं. ऐसे में कारोबारी इसके बदले मनमाने दर पर कीमत वसूल रहे हैं. इस मामले में किसी का कंट्रोल नहीं है. बाजार में महंगे दर पर आलू मिलने से गरीब तबके के लोगो की थाली से आलू गायब हो रहा है. मालूम हो कि प्याज, लहसून ने पहले से ही मंहगा है. प्याज 45 रुपये प्रति किलो की दर से बाजार में उपलब्ध है, जबकि लहसून तो 180 रुपये प्रति किलो है. ऐसे में लोगों ने पहले ही प्याज से तौबा कर लिया हैं. हरी सब्जियों के दाम भी कम नहीं हैं. हरी सब्जियां भी ऊंची दर पर ही मिल रही है. ऐसे में आलू की आवक कम होना चिंता का विषय हो गया है. थोक कारोबारी बुद्धू साह, श्रीराम आदि ने बताया कि ऊंची दर से आलू मंगाया जा रहा है. ऐसे में आलू की बिक्री करना उनके लिए भी मुश्किल हो गया है. हटिया संचालक विनोद साह, कारोबारी रवींद्र पांडेय आदि ने बताया कि राज्य सरकार को पूरे मामले पर देखे जाने की आवश्यकता है, ताकि आम लोगों का हित प्रभावित नहीं हो. जिला प्रशासन को भी पूरे मामले पर राज्य सरकार को अवगत कराना चाहिए, ताकी लोग कम से कम आलू आदि खाने से वंचित नहीं हों.
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