महागामा प्रखंड के परसा स्थित मिल्लत कॉलेज में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया. महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ तुषारकांत ने कहा कि जलवायु परिवर्तन अब पूरी दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुका है. इसके लिए प्रकृति के प्रति मानव संसाधनों का बेहताशा उपयोग और जंगलों का अत्यधिक कटाव जिम्मेदार है. इसमें भौतिक सुख-संसाधनों की मानवीय चाहत और विभिन्न क्षेत्रों के प्रदूषण के योगदान को भी नकारा नहीं जा सकता है. बढ़ता वैश्विक तापमान और उसके चलते मौसम में आये अप्रत्याशित बदलाव का दुष्प्रभाव जीवन के हर पक्ष पर पड़ रहा है. पौधों को अधिक से अधिक संख्या में लगाना व रखरखाव करना एयर कंडीशनर का प्रयोग सीमित करना नदियों व तालाबों की रक्षा और सफाई पॉलिथीन पर पूरी तरह से पाबंदी पेड़ों के कटान पर प्रभावी रोक लगाना आदि जरूरी है. कार्यक्रम में डॉ जावेद, डॉ रियाज़ मक़ुबूल, प्रो नसीम, प्रो मोजाहिद, प्रो खालिद, मो शाहनवाज़, नूरनबी, मो अब्दुल्लाह, नदीम, शमीम, नियाज़ आदि का सहयोग रहा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है