शारदीय नवरात्र के उपलक्ष पर कैचुआ चौक स्थित महर्षि मेंहीं आश्रम महागामा में नौ दिवसीय ज्ञान सत्संग शिविर का आयोजन किया गया है. इस दौरान प्रतिदिन पांच सत्र में सत्संग ध्यान कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. सत्संग के सातवें दिन श्रीधाम वृंदावन से पधारे स्वामी सुबोधानंद जी महाराज ने हनुमान चरित्र की व्याख्या करते हुए कहा कि भगवान श्री राम हनुमान जी गुरु थे. उन्होंने ज्ञान प्राप्त करने के लिए चंद्रमा, इंद्र व अन्य ऋषियों के पास भेज कर सच्चा शिष्य बनाया. महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जैसे संत सद्गुरु ने अपने शिष्यों के कल्याण के लिए उपदेश दिया. धार्मिक कार्यों के पूर्ण लाभ के लिए समय और स्थान का विशेष महत्व रहता है. नवरात्रि के पवित्र दिनों में ज्ञान सत्संग करने से इसका लाभ कई गुना अधिक प्राप्त होता है. मंदिर, जलाशय, वृक्ष के नीचे ध्यान करने से उसका फल शीघ्र प्राप्त होता है. गुरु प्रदत मंत्र का नवरात्र में जप करने से साधना में उन्नति होती है. सत्संग ध्यान शिविर के दौरान बताया गया कि अध्यात्म ज्ञान ही सच्चा ज्ञान है. प्रतिदिन भजन-कीर्तन, वेद, उपनिषद रामचरितमानस और संतवाणी का पाठ करना चाहिए. सत्संग ध्यान शिविर में महागामा क्षेत्र के सैकड़ों लोग भाग ले रहे है.
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