फोर लेन के सामने स्कूलों में चहारदीवारी नहीं, हादसे का डर
चहारदीवारी विहीन स्कूलों के बच्चे हैं असुरक्षित, जल्द पहल करने की जरूरत
पोड़ैयाहाट. प्रखंड के दो विद्यालय अब पूरी तरह से एनएच 133 के फाेर लेन से सट गये हैं. सडक के ठीक नीचे दो विद्यालयों में मध्य विद्यालय कारुडीह व प्राथमिक विद्यालय चामुडीह है, जहां बच्चे अब असुरक्षित हो रहे हैं. कारण कि लगातार सड़क निर्माण के दौरान दोनों ही विद्यालय सड़क से एकदम सट गया है. भीड़ व व्यस्त मार्ग के निर्माण से पहले विद्यालय कुछ दूरी पर था. मगर सड़क चाैड़ीकरण हो जाने के कारण विद्यालय सड़क पर ही आ गया है. विद्यालय पहले ही चहारदीवारी विहीन था. मगर जब से सड़क स्कूल से सट गया है. खतरे की संभावना बढ़ गयी है. फिलहाल बच्चों की सुरक्षा को लेकर स्कूल के सामने बांस आदि से सुरक्षा घेरा बनाते टाट लगा दिया गया है. मगर बांस के टाट ऐसे मामले में कितना सुरक्षित हो सकता है. सोचने का विषय है. इस मामले में अब तक किसी भी पदाधिकारियों ने खोज खबर नहीं ली है. विभागीय पदाधिकारी की बात की जाये तो उनके लिए शायद यह खास मायने की बात नहीं है. वरना नौनिहालों के लिए तत्परता जरूर दिखती . मध्य विद्यालय कारुडीह : एक शिक्षक के भरोसे 45 बच्चे केस स्टडी–एक पोड़ैयाहाट प्रखंड के मध्य विद्यालय कारुडीह में एनएच 133 सड़क के किनारे है. विद्यालय में चहारदीवारी नहीं है. स्कूल में पड़ने वाले छोटे बच्चों के बीच दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. एनएच 133 सड़क से सटा विद्यालय में टिफिन के वक्त छोटे परिसर में बच्चे खेलते हैं. कई बार चहारदीवारी न होने के कारण खेलने के क्रम में बच्चे सड़क पर चले जाते है. ऐसे में शिक्षक स्वयं मैदान में खड़े होकर चौकसी करते हैं. तत्काल बांस से घेराबंदी शिक्षिका के द्वारा करायी गयी है. बच्चे सुरक्षित अपने घर पहुंच जाते हैं, तो शिक्षकों के जान में जान आती है. यहां शिक्षिका रंजिता गुप्ता के भरोसे एक से आठवीं तक की कक्षा संचालित है. शिक्षिका विद्यालय को संभालती है. उनके जिम्मे सरकारी कार्य जैसे मध्याह्न भोजन की रिपोर्ट आदि शामिल हैं. विद्यालय में 45 बच्चे नामांकित हैं. विद्यालय में मात्र तीन कमरे है. कमरा के अभाव के साथ शिक्षकों की घोर कमी है. स्बकूल में बच्चे विषयवार की पढायी कैसे कर पाते है यह बडा प्रश्न है. प्राथमिक विद्यालय चामुडीह : दो शिक्षक के भराेसे 108 बच्चे केस स्टडी–दो पोड़ैयाहाट प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय चामुडीह भी एनएच 133 के किनारे है. चहारदीवारी नहीं है. यहां तक कि सड़क निर्माण के दौरान शौचालय में मिट्टी भर दिया गया है. इसकी सफाई तक नहीं की गयी है. मसलन अब बच्चों को सरकार की ओर से बनाये गये शौचालय का भी लाभ नहीं मिल पाता है. बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. किसी का कोई ध्यान नहीं हैं. विद्यालय में नामांकित बच्चों की संख्या 108 हैं. दो शिक्षक कार्यरत हैं. विद्यालय के हेड मास्टर विश्वनाथ यादव का कहना है कि चहारदीवारी नहीं होने के कारण बच्चों पर खास नजर रखनी पड़ती हैं. शौचालय जल्द निर्माण के बाद ही परेशानी हल हो सकता हैं. चामुडीह में सेविका रखती हैं बच्चों पर नजर केस स्टडी–तीन एनएच 133 के किनारे चामुडीह में आंगनबाड़ी केंद्र भी संचालित है. इसमें नौनिहाल बच्चे पढ़ते हैं, जहां सेविका उषा कुमारी को बच्चों पर कड़ी निगरानी रखनी पड़ती है. क्योंकि वहां काफी छोटे बच्चे पढ़ते हैं. हादसे का डर बना रहता है. सेविका ही हाथ पकड़ कर बच्चों को फोरलेन पार कराती है. ताकि बच्चे सुरक्षित घर पहुंच सकें. कोट बच्चों की सुरक्षा जरूरी है. जैसे ही मामले की जानकारी मिली सड़क निर्माण कर रहे डीबीएल कंपनी से बातचीत की गयी है. चहारदीवारी निर्माण कराने को कहा गया है. जल्द ही काम पूरा कराया लिया जायेगा. फुलेश्वर मुर्मू, बीडीओ बॉक्स : डीसी के निरीक्षण के बाद अनुपस्थित शिक्षकों में हड़कंप गोड्डा जिले में बीते दिन वीडियो काॅफ्रेंसिंग के माध्यम से डीसी जिशान कमर के औचक निरीक्षण के बाद विद्यालय में लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों में हड़कंप है. समय पर विद्यालय खोला जा रहा है. क्योंकि अब वैसे भगोड़े शिक्षक पर कार्रवाई का डर सताने लगा है. बुद्धिजीवी का कहना है कि अगर डीसी के निर्देश का पालन करते हुए प्रखंड के अधिकारी मॉनीटरिंग करेंगे तो सरकारी स्कूलों की स्थिति में सुधार हो सकता है. डीसी ने प्रखंड के सभी बीडीओ को पांच स्कूल का निरीक्षण करने का निर्देश दिया है. मालूम हो कि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी बहा शांति मरांडी पोड़ैयाहाट के अलावा अन्य कई प्रखंड के प्रभार में है.
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