गोड्डा जिले के गिरजाघरों में क्रिसमस धूमधाम से मनाया गया. क्रिसमस के अवसर पर गिरजाघरों को आकर्षक तरीके से सजाया-संवारा गया है. जिला मुख्यालय में संत थॉमस स्थित गिरजाघर में क्रिसमस की धूम रही. मंगलवार की देर रात से ही ईसाई धर्मावलंबियों का जुटान होने लगा था. देर रात ही प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. फादर ने बाइबल का संदेश उपस्थित लोगों को सुनाया. दूसरे दिन सुबह भी प्रार्थना की गयी. बुधवार की शाम शहरवासियों ने गिरजाघर पहुंचकर प्रभु यीशु के दर्शन किये और मोमबत्ती जलायी. युवाओं में विशेषकर क्रिसमस को लेकर उत्साह देखा गया.
प्रभु यीशु के संदेश को आत्मसात करने की जरूरत : फादर
पथरगामा प्रखंड के कस्तूरिया पंचायत अंतर्गत बरमसिया गिरजाघर में प्रभु यीशु के जन्मोत्सव पर क्रिसमस धूमधाम से मनाया गया. बुधवार को दिन के 10 बजे से बरमसिया के गिरजाघर में प्रार्थना सभा का आयोजन शुरू हो गया, जहां फादर माइकल व फादर जोसेफ मुर्मू ने प्रार्थना सभा के बाद बाइबल पाठ किया. इस दौरान मिशनरी के छात्र-छात्राओं के साथ-साथ आसपास के इलाकों से इसाई धर्मावलंबी गिरजाघर में मौजूद थे. फादर माइकल ने बताया कि क्रिसमस का त्योहार ईसाई धर्मावलंबियों के लिए उत्साह का पर्व है. फादर ने अपने शांति संदेश में कहा कि प्रभु यीशु ने शांति का संदेश दिया था, जिस पर चलने की जरूरत है. कहा कि समाज के साथ-साथ देश में शांति, प्रेम व भाईचारा कायम रहे. इसके साथ ही देश निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर रहे. इधर क्रिसमस को लेकर बरमसिया के गिरजाघर के प्रार्थना सभा हॉल को गुब्बारे व रंग-बिरंगे झालर लगाकर आकर्षक रूप से सजाया गया था. इस दौरान कैरोल सॉन्ग गाया गया. वहीं गिरजाघर परिसर में प्रभु यीशु के जन्मोत्सव की याद में फूलों से सजावट करते हुए चरनी का निर्माण किया गया था. मालूम हो कि इससे पूर्व मंगलवार की रात्रि 11:00 बजे से बरमसिया के गिरजाघर में प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया था. वहीं रात्रि 12:00 बजे के बाद प्रभु यीशु का जन्मोत्सव मनाया गया. इस दौरान बाइबल पाठ के साथ-साथ भजन भी गाया गया. इधर मांछीटांड़ गिरजाघर में भी बाइबल पाठ के साथ-साथ प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में अनुयायी शामिल थे.गरीबों का मसीहा हैं भगवान यीशु : फादर जेरी
बोआरीजोर प्रखंड के डकैता मिशन चर्च, बड़ा सिमड़ा चर्च, तेलगामा चर्च एवं मंगरा चर्च में धूमधाम से ईसाई धर्मालंबियों द्वारा क्रिसमस का पर्व मनाया गया. श्रद्धालुओं ने भगवान यीशु को याद करते हुए प्रार्थना सभा में भाग लिया. फादर जेरी ने बताया कि भगवान यीशु का जन्म गरीब परिवार के घर गौशाला में हुआ था. भगवान भाईचारा का संदेश देते थे. वह हमेशा गरीबों एवं बेसहारा की मदद करते थे. भगवान यीशु को गरीबों का मसीहा के रूप में जाना जाता था. उनके दरबार पर आने वाले व्यक्ति कभी भी खाली हाथ नहीं लौटते थे. उनकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती थी. 12:00 की रात में भगवान यीशु के जन्म होने के बाद सभी चर्च प्रार्थना सभा से गूंज उठा एवं केक काटकर श्रद्धालु ने खुशी मनाया एवं एक-दूसरे को केक खिलाकर शुभकामनाएं दी. आदिवासी नृत्य के माध्यम से श्रद्धालुओं ने खुशी का इजहार किया.
ठाकुरगंगटी के फुलवड़िया स्थित चर्च में भी दिखा उत्साह
क्रिसमस को लेकर फुलबडिया पंचायत के अंतर्गत स्थित कुश्मा मिशन के चर्च में प्रभु यीशु के आते ही लोग खुशियों से झुम उठे. चर्च के फादर सिलजो थॉमस ने बताया कि देर रात्रि प्रभु यीशु का जन्म हुआ है. बताया कि प्रभु यीशु खुशियों का पैगाम लाते हैं. प्रभु यीशु के आगमन को लेकर चरनी को आकर्षक तरीके से बनाया गया था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है