गोड्डा. कोलकाता की ट्रेनी डॉक्टर से रेप व हत्या के विरोध में गोड्डा के डॉक्टरों में उबाल देखा गया. आइएमए के आह्वान पर डॉक्टरों ने ओपीडी सेवा ठप कर दी. इस कारण सैकड़ों मरीज बिना इलाज कराये ही घर लौट गये. शनिवार को जिले के चिकित्सकों ने पूरे दिन चिकित्सा व्यवस्था को ठप कर दी. पीड़िता को इंसाफ दिलाने की को लेकर चिकित्सकों ने सदर अस्पताल परिसर में धरना दिया. जिले के वरीय चिकित्सक डाॅ अशोक समेत डाॅ अजय कुमार झा, अस्पताल के डीएस डाॅ अरविंद, डा जुनैद, डा राजेंद्र भगत, डाॅ राजन, डाॅ अंगेश समेत कई महिला चिकित्सक 24 घंटे तक हड़ताल पर रहे. बताया कि रविवार 6 बजे तक चिकित्सकों की हड़ताल जारी रहेगी. इसका नेतृत्व कर रहे जिले के वरीय चिकित्सक डाॅ अशोक ने बताया कि कोलकाता की घटना को लेकर पूरे देश के चिकित्सकों ने आइएमए के आह्वान पर हड़ताल पर हैं. बताया कि कोलकाता की घटना की जितनी भी निंदा की जाये वह कम है. शायद ही चिकित्सक के इतिहास में पहले कभी इस प्रकार की जघन्य घटना हुई है. बताया कि इस घटना पर अब तक बंगाल सरकार के द्वारा किया गया एक्शन नाकाफी है. संतोषजनक नहीं है. कोर्ट ने पूरे मामले पर संज्ञान लिया है. लेकिन राज्य सरकार का कदम ठीक नहीं है. इससे पूरे देश के चिकित्सक आंदोलनरत हैं. बताया कि अभी 24 घंटे की हड़ताल पूरे प्रदेश में रखा गया है. इसके बाद भी यदि संतोषजनक कार्रवाई नहीं होती है तो उग्र आंदोलन किया जायेगा. जिले के वरीय चिकित्सक डाॅ अजय झा सहित अन्य चिकित्सकों ने भी इस मामले पर अपनी बातों को रखा. सबों ने इस घटना पर दुख प्रकट किया. इसे चिकित्सा जगत के लिए काला अध्याय बताया. इमरजेंसी सेवा को हड़ताल से रखा बाहर हडताल की बाबत पूरे दिन सदर अस्पताल में ओपीडी सेवा प्रभावित रही. एक भी ओपीडी रूम में डाक्टर नहीं बैठे. केवल इमरजेंसी सेवा केा बहाल रखा गया था. ओपीडी सेवा बंद होने से इमरजेंसी में आये चिकित्सक को परेशानी का सामना करा पड़ा. इमरजेंसी पर ही मरीजों भीड़ अधिक हो गयी. डॉक्टरों ने बीमारी की गंभीरता को देखते हुए इलाज किया. शहरी क्षेत्र के मरीजों को हड़ताल की जानकारी थी. पर सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को हड़ताल की जानकारी नहीं मिली. इस कारण वे बिना इलाज कराये ही लौट गये. कोई दर्द तो कोई सांस की समस्या से दिखा परेशान इधर ओपीडी सेवा बाधित रहने से मरीज खासा परेशान रहे. राजाभीट्ठा से आये मरीज सुकुमार दास को पेट दर्द की समस्या से परेशान देखा गया. वे सुबह 10 बजे से ही अस्पताल पहुंच गये थे. लेकिन डाॅक्टरों की हड़ताल के कारण इलाज नहीं हो पाया. वहीं पोड़ैयाहाट से आयी कादरी देवी को पोडैयाहाट से रेफर कराकर गोड्डा लाया गया था, जबकि चिलकारा गांव के मनीष कुमार दास जो कि सांस रुकने की समस्या से ग्रसित थे. बड़ी मुश्किल से इमरजेंसी में इलाज हो पाया. डॉक्टरों की मुख्य मांगें दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाये. मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाये. अस्पताल परिसर को सेफ जोन घोषित किया जाये. बायोमैट्रिक अटेंडेंस से वेतन को नहीं जोड़ा जाये. क्रॉस वेरिफिकेशन पोर्टल को बंद किया जाये. क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में संशोधन किया जाये. सरकारी अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरा व स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था हो. पथरगामा के डॉक्टर रहे हड़ताल पर, दो दर्जन मरीज लौटे वापस पथरगामा. आइएमए के आह्वान पर मेडिकल कॉलेज कोलकत्ता में प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के साथ बलात्कार, निर्मम हत्या एवं उसके बाद असामाजिक तत्वों द्वारा मेडिकल कॉलेज में की गयी तोड़फोड़ व मारपीट की घटना के विरोध में शनिवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पथरगामा के चिकित्सक हड़ताल पर रहे. इस कारण ओपीडी सेवा पूरी तरह से बाधित रही. सिर्फ इमरजेंसी सेवा अस्पताल में बहाल रही. आयुष चिकित्सक ने भी हड़ताल का समर्थन दिया. दर्जनों मरीज बिना इलाज के वापस अपने घर लौटते दिखे. बताया गया कि चिकित्सक सुबह 6:00 बजे से 18 अगस्त के सुबह 6:00 बजे 24 घंटे तक हड़ताल पर रहेंगे. सीएचसी पथरगामा के चिकित्सक डॉ प्रभाकर कुमार पासवान ने बताया कि ओपीडी सेवा को छोड़कर इमरजेंसी सेवा पूर्व की तरह सुचारू रूप से चालू है. कहा कि चिकित्सकों की मांग है कि दोषियों को सख्त सजा दी जाये, मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाये, अस्पताल परिसर को सेफ जोन घोषित किया जाय, बायोमीट्रिक अटेंडेंस से वेतन को नहीं जोड़ा जाए एवं संबंधित क्रॉस वेरिफिकेशन पोर्टल को बंद किया जाय एवं क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में संशोधन किया जाय. मांगों में सरकारी अस्पताल जहां 24×7 सेवा दी जाती हो, वहां मुख्य स्थान पर सी सी टी वी एवं स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था की भी व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांगें शामिल है. हरिदेवी रेफरल अस्पताल में भी दिखा हड़ताल का असर ठाकुरगंगटी. प्रखंड के हरिदेवी रेफरल अस्पताल के चिकित्सक भी कोलकाता की घटना को लेकर हड़ताल पर रहे. इस कारण सैकड़ों रोगी बिना इलाज के वापस घर लौट गये. प्रभारी विनय कुमार सिन्हा ने बताया कि बंगाल के कोलकाता में हुए घटना को लेकर राज्य के सभी चिकित्सक एक दिन के हड़ताल पर चले गये हैं. जिससे की ओपीडी सेवा बंद रही. बताते चलें की सुदूरवर्ती इलाके में अवस्थित एकमात्र यह अस्पताल है जहां प्रतिदिन ओपीडी में सैकड़ों से ज्यादा मरीजों का इलाज किया जाता है. पर शनिवार को सैकड़ों रोगी बगैर इलाज के अपने घर वापस लौट पड़े. मेहरमा : पोस्टर के साथ डॉक्टरों ने घटना का किया विरोध मेहरमा. बंगाल में महिला डॉ के साथ बलात्कार कर हत्या के मामले में मेहरमा डॉ व स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर रहे . इस दौरान चिकित्सक के द्वारा आपातकालीन सेवा को छोड़ करीब डेढ़ सौ इलाज के लिए आए मरीजों को बैरंग लौटा दिया. मेहरमा के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ विवेक कुमार सिन्हा की अगुआई में प्रखंड क्षेत्र के सभी सरकारी डॉ व स्वास्थ्य कर्मी ने हाथ में पोस्टर के साथ घटना का विरोध किया. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने कहा कि इस मामले में पुलिस दोषियों को न पकड़कर निर्दोष व्यक्ति को पकड़ रही है. ताकि मामले को दबा दिया जाए. डॉ विवेक सिन्हा ने कहा कि इस मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और निर्दोष को छोड़ा जाना चाहिए. जघन्य अपराध को लेकर सूबे अभाविप के प्रदेश मंत्री सौरभ कुमार झा की अगुआई में सैकड़ों अभाविप के छात्रों के साथ हाथ में बैनर पोस्टर के साथ मेहरमा चौक से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक विरोध मार्च निकाला गया. प्रदेश मंत्री ने कहा कि जब तक डॉ के साथ हुए जघन्य अपराध के आरोपियों को सजा मिल जाती है. तब तक आंदोलन नहीं रुकेगा . मौके पर डॉ जॉन्टी, डॉ राजकुमार शील, डॉ रंजन कुमार, डॉ महमूद, डॉ अजय तिवारी व स्वास्थ्यकर्मी संगीता कुमारी, मीना रानी बासुकी, संजीव कुमार हाजरा, अभिषेक आनंद, रौशन कुमार, शिवचंद्र प्रसाद सिन्हा, हरिवंश ठाकुर, अविनास बासुकी, योगेंद्र प्रसाद उपस्थित थे .
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