मंगलवार को चकेश्वरी स्थित संयुक्त कृषि भवन में खरीफ कर्मशाला का आयोजन किया गया. आये अतिथियों ने संयुक्त रूप से खरीफ कर्मशाला का दीप प्रज्वलित कर उदघाटन किया. कार्यशाला में जिला कृषि पदाधिकारी मुकेश कुमार एवं केवीके के जिला समन्वयक डॉक्टर रवि शंकर ने जिले के किसानों को बदलते जलवायु परिवर्तन एवं मौसम को देखते हुए फसल अच्छा करने पर जोर दिया. बताया कि पूरे देश में बहुत तेजी से जलवायु में परिवर्तन हो रहा है. इसके कारण खेती पर संकट है. मानसून का प्रवेश देरी से हो रहा है. ऐसे में किसान कम समय वाले फसलों को अपने खेत में लगे. इससे दो फायदा होगा कि समय पर फसल का उपज भी मिल जाएगा और दूसरे बचे हुए समय में दूसरे फसलों को लगाकर आय दोगुनी की जा सकेगी. बताया गया कि किसान वैकल्पिक खेती पर जोर दें, क्योंकि जिस प्रकार से मानसून आदि में बदलाव हो रहा है. यह आने वाले समय के लिए सही संकेत नहीं है. समय रहते किसानों को वैकल्पिक खेती पर ध्यान देना चाहिए, नहीं तो किस को भारी भरकम नुकसान हो सकता है. किसानों की आय दोगुनी एवं चौगुनी करने के लिए झारखंड सरकार द्वारा चलायी जा रही है. विभिन्न योजनाओं के लाभ को भी गिनाया, जिसमें केसीसी योजना, किसान समृद्धि योजना आदि योजनाओं को विस्तार से बताया गया. इसके अलावा केवीके के अन्य वैज्ञानिक नाबार्ड के डीएम आदि द्वारा में राज्य सरकार के द्वारा कृषि व सिंचाई योजनाओं को लॉन्च किया गया है. कार्यक्रम का संचालन केवीके के वैज्ञानिक डॉक्टर हेमंत चौरसिया ने किया, जबकि कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन बम शैलेंद्र कुमार ने किया. कार्यक्रम के दौरान जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी एवं अन्य विभाग पदाधिकारी सहकारिता विभाग के अधिकारी आदि मौजूद थे.
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