पथरगामा प्रखंड के महेशलिट्टी पंचायत अंतर्गत कुमर्सी आदिवासी टोला में सरकारी आवास की कमी नजर आती है. बता दें कि कुमर्सी आदिवासी टोला में लगभग 120 घर आदिवासी समुदाय के हैं जो फूस, खपरैल ताड़ की छावनी वाले मिट्टी के मकान में अपना जीवन गुजर बसर किया करते हैं. ग्रामीणों के मुताबिक कुमर्सी आदिवासी टोला में कुछ ही लोगों को पीएम आवास का लाभ मिला है हालांकि कुमर्सी के सभी टोलों की बात की जाय तो कुल 120 घरों में 48 ग्रामीणों का ही पीएम आवास स्वीकृत है, जिसमें 39 मकान पूर्ण हो चुके हैं और नौ स्वीकृत मकान निर्माणाधीन हैं. इधर अबुआ आवास योजना की बात करें, तो कुल 16 ग्रामीणों का अबुआ स्वीकृत हुआ है. इसमें 16 आवास का निर्माण कार्य आज भी लंबित पड़ा हुआ है.
वर्षों पूर्व मिला था इंदिरा आवास, वर्तमान में हो गया है जर्जर
स्थानीय बबलू टुडू, बीटी किस्कू, विनोद हेंब्रम समेत वंचित ग्रामीणों का कहना है कि कुमर्सी आदिवासी टोला में घरों के संख्या की तुलना में आवास की घोर कमी है. बताया कि कुछ लोगों को वर्षों पूर्व इंदिरा आवास मिला था, जो वर्तमान समय में जर्जर हो गया है. ग्रामीणों का यह भी कहना है कि कई बार पीएम आवास व अबुआ आवास के लिए आवेदन दिया गया, लेकिन उनका नाम सूची में नहीं आ सका. ग्रामीणों का कहना है कि पक्का मकान नहीं रहने की वजह से बरसात के मौसम में टोले के लोगों को सिर छुपाने तक की जगह नहीं बचती है. मकान कच्चा रहने की वजह से बारिश का पानी घर में घुस जाया करता है. यह भी कहा कि लगातार बारिश होने पर कई दिनों तक बारिश का पानी उनके घरों में जमा रहता है. ग्रामीणों का कहना है कि प्रखंड प्रशासन को गंभीरता पूर्वक टोले को आवास की कमी से दूर करने की दिशा में आवश्यक पहल करने की जरूरत है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है