नाना नाना भूख लगी, खालो बेटा मूंगफली, मूंगफली में दाना नहीं, हम तुम्हारे नाना नहीं. यह कहावत सदियों पुरानी हो, लेकिन आज भी कभी-कभार सुनने को मिल जाती है. भले ही महंगाई कितनी ही बढ़ गयी हो, परंतु आज भी मूंगफली का क्रेज है और हर दिल अजीज है. इसमें कोई शक नहीं कि मूंगफली का अद्भुत स्वाद बच्चे क्या बड़े सभी को भाता है, जो बच्चे मूंगफली को छिल नहीं पाते हैं. जाड़े में मूंगफली की खूब बिक्री होती है. सड़क के किनारे रेहड़ियों पर गर्मागर्म मूंगफली की सोंधी महक से मूंगफली खरीदने से लोग अपने को रोक नहीं पाते हैं. मूंगफली गर्म कड़ाकेदार खस्ता की आवाज सुन कौन नहीं चाहेगा मूंगफली का स्वाद लेना. यही वजह है कि सर्दी के मौसम में इसकी खूब बिक्री होती है. मूंगफली की खेती करीब दो दशक पहले तक अपने जिले में होती थी. बाजार में जाम तक लग जाता था. पर अब यह गुजरे जमाने की बात हो गयी है. मूंगफली की खेती अब तो जिले में नाममात्र को ही होती है. यूपी से पोड़ैयाहाट चौक पर मूंगफली बेचने पहुंचे साजिद पठान ने बताया कि मौजूदा समय में भुनी मूंगफली 20 रुपये सौ ग्राम बिक रही है. जबकि करीब महीने भर पहले तक 15 रुपये था.
मूंगफली में हैं पोषक तत्व : डॉ रमेश
डॉ रमेश कुमार बताते हैं कि कम लोग ही जानते होंगे कि मूंगफली पोषक तत्वों की खान है. प्रकृति ने मूंगफली में तमाम पोषक तत्व भरे हुए हैं. 100 ग्राम कच्ची मूंगफली में एक लीटर दूध के बराबर प्रोटीन होता है. मूंगफली में प्रोटीन की मात्रा 25 प्रतिशत पायी जाती है. जबकि अंडे, मांस, मछली में प्रोटीन की मात्रा इतनी नहीं होती है. 250 ग्राम मूंगफली में 300 ग्राम पनीर, दो लीटर दूध या पंद्रह अंडे के बराबर ऊर्जा होती है. इसके अलावा मूंगफली के सेवन से पाचन शक्ति भी बढ़ती है। 250 ग्राम भुनी मूंगफली में इतने अधिक उष्मांक, प्रोटीन, खनिज तथा विटामिन पाये जाते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है