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जमुआ गांव की कच्ची सड़क गड्ढे में तब्दील, नहीं बदली सड़क की तकदीर

झारखंड राज्य अलग होने के बाद भी नहीं बदली तस्वीर

झारखंड राज्य अलग होने के इतने वर्ष बाद भी जमुआ गांव के सड़क की तस्वीर नहीं बदल सकी है. मालूम हो कि प्रखंड के पीपरा पंचायत अंतर्गत जमुआ गांव तक जाने वाली मुख्य कच्ची सड़क का पक्कीकरण नहीं हो सका है. वर्तमान समय में गांव तक पहुंचने वाली कच्ची सड़क पर बड़ा-छोटा गड्ढा आवाजाही करने वालों को दुर्घटना का न्योता देता नजर आ रहा है. बारिश के मौसम में सड़क पैदल चलने लायक भी नहीं रह जाता है. गांव के लोग सड़क को छोड़कर खेत बहियार के रास्ते अपने घरों तक पहुंचा करते हैं. बताया जाता है कि कच्ची सड़क की चौड़ाई कम रहने व सड़क की बदहाल स्थिति के कारण अक्सर साइकिल एवं बाइक सवार सड़क से नीचे खेत में जा गिरते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि मुख्य संपर्क पथ पर आवाजाही में सबसे अधिक परेशानी रात के वक्त होती है. सड़क समस्या पर स्थानीय लक्ष्मण कुमार, रामदेव साह, राजेंद्र प्रसाद महतो, उमेश महतो, धनंजय महतो, सुधीर महतो ,रूपक महतो, मुनिलाल महतो, ललिता देवी आदि ने बताया कि जमुआ गांव में उपर टोला व नीचा टोला मिलाकर लगभग 100 घर हैं लेकिन इतनी बड़ी आबादी वाले गांव तक पहुंचने वाला मुख्य संपर्क पथ को आजतक पक्की नहीं बनाया जा सका हालांकि ग्रामीणों ने बताया कि 14 वें वित्त की राशि से योजना संख्या 3/17- 18 के तहत जमुआ गांव के अंदर 2 लाख 49,500 के प्राक्कलित राशि से कुछ दूर तक पक्की सड़क बनी है लेकिन रांगाटांड़ मुख्य मार्ग से गांव तक पहुंचने वाली मुख्य सड़क आज भी कच्ची ही है. ग्रामीणों का कहना है कि ग्रामीणों के द्वारा कई बार मांग किए जाने के बावजूद आजतक किसी जनप्रतिनिधि ने मुख्य सड़क के पक्कीकरण कराए जाने की दिशा में पहल करना उचित नहीं समझा. ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधि व प्रशासन से अविलंब गांव के सड़क का पक्कीकरण कराए जाने की मांग की है, ताकि आवाजाही में सहूलियत मिल सके.

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