गोड्डा-पॉक्सो स्पेशल कोर्ट सह डीजे प्रथम कुमार पवन की अदालत ने जेल में बंद शहाबुद्दीन अंसारी को नाबालिग से दुष्कर्म और नग्न फोटो और वीडियो वायरल करने के आरोप में दोषी पाया है. कोर्ट ने पॉक्सो एक्ट में 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. साथ ही 1.5 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि नहीं भरने पर आरोपी को एक वर्ष सश्रम कारावास की सजा अलग से काटनी होगी. हालांकि अदालत ने अन्य धाराओं में भी दोषी पाकर सजा दी है और जुर्माना लगाया है, लेकिन सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी. शहाबुद्दीन अंसारी बिहार के सीतामढ़ी जिले के मेजरगंज थाना क्षेत्र के विशंभरपुर ननकारा का रहनेवाला है. इसके विरुद्ध पीड़िता ने हनवारा थाने में नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
पीड़िता के पिता और शहाबुद्दीन पंजाब में साथ करते थे काम
दर्ज प्राथमिकी के अनुसार पीड़िता के पिता एवं शहाबुद्दीन पंजाब प्रांत के लुधियाना में एक ही कंपनी में सिलाई का काम करते थे. चूंकि पीड़िता के पिता के पास बटन वाला मोबाइल था. इसलिए शहाबुद्दीन अपने मोबाइल से पीड़िता के पिता को उसके घरवालों से बात कराता था. 27 नवंबर, 2023 की सुबह शहाबुद्दीन पीड़िता के पिता के साथ उसके घर आया. पीड़िता के साथ आरोपी ने दुष्कर्म करने के बाद उसका आपत्तिजनक वीडियो बना लिया. उसके बाद बराबर वीडियो कॉल से बात करने को लेकर पीड़िता पर दबाव बनाने लगा.
आपत्तिजनक वीडियो कर दिया था वायरल
शहाबुद्दीन पीड़िता के पिता को जान से मारने एवं वीडियो वायरल करने की धमकी देने लगा. जब पीड़िता ने उसका मोबाइल नंबर ब्लॉक कर दिया, तो 28 फरवरी 24 को उसने उसका आपत्तिजनक वीडियो फेसबुक और इंस्टाग्राम पर वायरल कर दिया. न्यायालय में अभियोजन की तरफ से आठ गवाहों की गवाही हुई. इसके आधार पर न्यायालय ने उक्त फैसला सुनाया. न्यायालय ने निर्णय की एक प्रति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव को भी भेजी है. कहा गया है कि पीड़िता के आर्थिक पुनर्वास एवं सहायता के लिए विक्टिम कंपनसेशन के तहत मदद की पहल की जाए.
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