रसोईया संयाेजिका का जूस पिलाकर समाप्त कराया गया आमरण
डीएसइ व बीडीओ से हुई सकारात्मक वार्ता, चार दिनों में जांच करेगी कमेटी
रसोईया एवं संयोजिका को हटाने जाने के विरोध में तीन दिनों से जारी आमरण अनशन चौथे दिन रविवार को समाप्त हो गया. आमरण अनशन के तीसरे दिन ही रसोईया संयाेजिका की हालत बिगड़ गयी थी. इसके बाद डीएसइ एन मिथिला टुड्डू सहित बीडीओ दयानंद जायसवाल पहुंचे थे. अधिकारियों द्वारा आंदोलन कर रही रसोईया संयोजिका की मांगो को लेकर सकारात्मक पहल की गयी है. डीएसइ द्वारा आंदोलन कर रही रसोईया संयोजिका को हटाये जाने वाले मामले में उचित जांच करने का आश्वासन दिया. बताया कि जांच को लेकर एक कमेटी बनायी जायेगी, जो चार-पांच दिनों के अंदर रिपोर्ट देगी. साथ ही कहा कि अब किसी को हटाया नहीं जाएगा. इस दौरान प्रदेश महासचिव कामरेड गीता मंडल भी पहुंची थीं. सकारात्मक वार्ता होने पर प्रदेश महासचिव कामरेड गीता मंडल ने इलाज करवाने पर सहमति जतायी. जिला शिक्षा अधीक्षक के आश्वासन पर तत्काल आमरण अनशन व आत्मदाह कार्यक्रम को स्थगित किया गया है. लेकिन प्रदेश महासचिव कामरेड गीता मंडल ने कहा कि अगर एक सप्ताह में रसोईया को वापस बहाल नहीं किया जाता है, तो पुनः आमरण अनशन व आत्मदाह कार्यक्रम किया जाएगा. वहीं प्रभारी मनोज कुशवाहा ने पुन: आंदोलन करने की चेतावनी दी है. महागठबंधन के नेता कांग्रेस जिला अध्यक्ष दिनेश यादव, माले नेता अरूण सहाय, जेएमएम नेता प्रेम नंदन मंडल व राजेश मंडल द्वारा अनशनकारियों को जूस पिलाकर अनशन तुड़वाया. साथ ही सभी गठबंधन नेता मंगलवार को उपायुक्त से मिलकर सभी समस्याओं का विराम लगा दिया. झामुमो नेताओं ने कहा कि डीसी से मिलकर पूरे मामले से अवगत कराया जाएगा. बताया कि यह गरीबों की सरकार है. किसी पदाधिकारी को मनमानी करने की छुट नहीं है. रसोईया संघ की बैठक में दो अगस्त को विस घेरने का आह्वान महागामा के ऊर्जानगर राजेंद्र स्टेडियम में झारखंड प्रदेश विद्यालय रसोइया संयोजिका,अध्यक्ष संघ की प्रखंड स्तरीय बैठक आयोजित किया गया. बैठक की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष बबीता कुमारी आनंद ने किया. बैठक में जिला अध्यक्ष ने बताया कि 29 जुलाई से 2 अगस्त 2024 तक झारखंड विधानसभा के समक्ष कूट्टे मैदान रांची में 5 सूत्री मांगों के समर्थन में धरना सत्याग्रह का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है. इसमें राज्य के सभी जिलों की रसोइया एवं संयोजिका धरना सत्याग्रह पर बैठेगी. जिला अध्यक्ष ने बताया कि रसोईया व संयोजिका का स्थायीकरण कर न्यूनतम वेतन लागू करने, 12 माह के मानदेय का भुगतान करने, चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने, साल में दो वस्त्र देने, जीवन बीमा कराने सहित अन्य समझौता किया गया था, जिसको अब तक लागू नहीं किया गया है. बबीता कुमारी आनंद ने बताया कि गोड्डा जिला के कुछ विद्यालयों में विशेष कर मेहरमा, ठाकुरगंगटी, महागामा एवं पोड़ैयाहाट में भी कई जगह संयोजिका को हटाया गया है. जिस पर विरोध जताया है. बैठक में जिला कोषाध्यक्ष भवानी, लाजो देवी, मक्कू मुर्मू, उषा देवी, सोनी देवी, मुन्नी देवी, बबली देवी, विनीता देवी, टंकी देवी, उषा देवी, संजीदा, नरेशा खातून, हलिमा, मंत्ती देवी, भवानी देवी, सरिता देवी, बबली देवी, साजिदा, निशा खातून, मुन्नी, बिटिया,अरुणा देवी आदि उपस्थित थे.
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