हिजूकिता गांव के ग्रामीणों ने घर तोड़ने का किया विरोध
परियोजना प्रबंधन बैरंग लौटा वापस
राजमहल कोल परियोजना के हिजूकिता पुनर्वास स्थल के पास परियोजना प्रबंधन दर्जनों पुलिस बल के साथ हिजूकिता ‘ग’ गांव के रैयत जलाल अंसारी के घर तोड़ने के लिए बुलडोजर लेकर पहुंचा. ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए प्रबंधन बैरंग वापस लौट गया. ग्रामीणों ने विरोध करते हुए कहा कि कई वर्ष पूर्व जमीन खरीद कर घर बनाया गया है तथा सीबी एक्ट के तहत ली गयी जमीन पर प्रबंधन कोई भी अस्थाई ढांचा नहीं बना सकता है. कोयला उत्खनन कर जमीन संबंधित रैयत को वापस भी करना है. लेकिन प्रबंधन नियम को पूरी तरह से उल्लंघन कर प्रशासन के बल पर घर तोड़ना चाह रही है. गरीब परिवार के लोगों ने पैसा जोड़कर घर का निर्माण किया है. ग्रामीणों ने बताया कि परियोजना प्रबंधन व ग्रामीणों के बीच लिखित समझौता हुआ था कि दोनों मौजा के 20 मीटर की दूरी पर परियोजना प्रबंधन पुनर्वास का कार्य करेगी. लेकिन प्रबंधन सभी समझौते को दरकिनार गरीब ग्रामीणों को शोषण कर रही है.
जल्द ही मापी कराकर होगी आगे की कार्रवाई : आरके सिंह
परियोजना के पदाधिकारी आरके सिंह ने बताया कि परियोजना के अधिग्रहण किया गया जमीन पर घर बनाया गया है. मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में उसे तोड़ने के लिए पुलिस बुलाया था. जमीन की मापी कर ली गयी है. जल्द ही आगे की कार्रवाई होगी. मजिस्ट्रेट अंचल निरीक्षक तमिज़ुद्दीन अंसारी ने बताया कि जलाल अंसारी द्वारा परियोजना प्रबंधन के अधिग्रहण जमीन के कुछ भाग में घर बनाया गया है. विधि व्यवस्था को बनाये रखने के लिए मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया था. अतिक्रमण हटाने का कोई भी निर्देश प्राप्त नहीं था. पुलिस इंस्पेक्टर वीरेंद्र कुमार ने बताया कि ग्रामीणों को विश्वास में लेकर ही कोई कार्य किया जाएगा.
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