महागामा अनुमंडल कार्यालय के समक्ष राजमहल कोल परियोजना के अधीनस्थ हुर्रासी कोयला खनन क्षेत्र में पूर्व में कोयला खनन का कार्य करने वाले मजदूर ने फुलवरिया मजदूर सेवा ट्रस्ट के बैनर तले नौकरी की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया. मजदूरों ने कहा कि राजमहल परियोजना प्रबंधन की मनमानी चरम सीमा पर है. अनुमंडल पदाधिकारी के आदेश पर मजदूरों ने वार्ता के लिए अनुमंडल कार्यालय 24 जुलाई, 30 अगस्त एवं 20 सितंबर को पहुंचा. लेकिन अनुमंडल पदाधिकारी के कार्यालय में नहीं रहने के कारण मजदूरों के साथ कोई भी वार्ता नहीं हो सका. परियोजना प्रबंधन भी मजदूरों की समस्या को लेकर कोई भी सकारात्मक पहल नहीं कर रही है. सभी मजदूर लगभग 50 वर्ष पूर्व हुर्रासी कोयला खनन क्षेत्र में देश हित के लिए कार्य किये थे. 1974 वर्ष में राजमहल परियोजना के नाम से कोयला खनन क्षेत्र का अधिग्रहण कर लिया गया था. उसके बाद से मजदूर नौकरी के लिए भटक रहे हैं. जबकि वर्तमान समय में इस खनन क्षेत्र में कोयला खनन का कार्य शुरू हो गया है, फिर भी पूर्व मजदूरों को परियोजना द्वारा नौकरी में नहीं रखा जा रहा है. इससे मजदूर काफी आक्रोशित हो रहे हैं. मजदूरों ने मांग रखते हुए कहा कि फुलवरिया कोलवरी में कार्य किये गये पूर्व मजदूरों को अविलंब नौकरी पर रखा जाये. मृतक मजदूर के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी जाये. मजदूरों ने कहा कि परियोजना प्रबंधन मजदूर की मांग पर सकारात्मक पहल नहीं करती है, तो मजदूर कोयला खनन कार्य बाधित एवं सड़क जाम करने के लिए मजबूर हो जाएगी. मौके पर ट्रस्ट के अध्यक्ष मसीह सोरेन, सचिव रविंद्र चोड़े, उपाध्यक्ष नरेश लोहार, उप सचिव सुशील लोहार, दिनेश मुर्मू, गोपाल सोरेन, मुनिता किस्कू, महेंद्र बास्की, मंगली पहाड़ीन, सुंदरा पहाड़िया आदि उपस्थित थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है