अनुसूचित जाति व अनुश्रवण समिति की बैठक में पीड़ितों को राहत राशि देने की अनुशंसा

डीसी की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण को लेकर डीसी की समीक्षा

By Prabhat Khabar Print | July 3, 2024 11:05 PM

गोड्डा समाहरणालय के डीसी प्रकोष्ठ में डीसी जिशान कमर की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की बैठक आयोजित की गयी. जिला कल्याण पदाधिकारी श्रवण राम ने डीसी जिशान कमर, एसपी नाथू सिंह मीणा को जानकारी दी कि वर्तमान में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत कल्याण विभाग के समक्ष 14 मामलों की जानकारी दिया गया. डीसी श्री कमर ने सभी मामले की जानकारी लेते हुए समीक्षा किया. साथ ही विभिन्न थाना में दर्ज प्राथमिकी के बारे में एसपी ने बताया कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम 1989 के तहत पीड़ितों को प्रथम किश्त व द्वितीय किश्त की राहत राशि दिये जाने की अनुशंसा की गयी है. डीसी ने सभी मामले की अद्यतन जानकारी लिए जाने के बाद आगे के लिए आवश्यक पहल किये जाने की बातों पर बल दिया गया. मौके पर सिविल सर्जन डॉ अनंत कुमार झा मौजूद थे.

नेशनल को-ऑपरेटिव डाटा बेस के अद्यतन करने को लेकर विमर्श :

समाहरणालय सभागार में डीसी जिशान कमर की अध्यक्षता में जिला सहकारिता विकास कमेटी की बैठक आयोजित की गयी. बैठक के दौरान जिला अंतर्गत सहकारिता विकास के संबंध में विभिन्न बिंदुओं पर संबंधित अधिकारियों के साथ विचार कर आवश्यक निर्देश दिया गया. नेशनल को-ऑपरेटिव डाटा बेस को अद्यतन करने, नये बहुउद्देशीय पैक्स, लैम्पस, डेयरी एवं मत्स्यजीवी सहकारी समितियों की स्थापना, राज्य, जिला स्तरीय सहकारी बैंक लिमिटेड से संबद्धता व समन्वय स्थापित करने, सहकारी समितियों को गोदाम एवं कार्यालय हेतु जमीन का आवंटन एवं अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने, लैम्पस के माध्यम से जन औषधि केंद्र की स्थापना एवं संचालन, सीएससी संचालित सहकारी समितियों में झारसेवा की सुविधा उपलब्ध कराने, वर्ल्ड लार्जेस्ट ग्रेन स्टोरेज पायलट प्रोजेक्ट योजना के तहत जमीन की उपलब्धता, राज्य फसल राहत योजना अंतर्गत भूमि सत्यापन, सहकारी समितियों में सदस्यता वृद्धि अभियान, सहकारी समितियों के जर्जर गोदामों, भवनों का मरम्मत, पुनर्निमाण सहित अन्य विषयों के संबंध में गहनता से विचार-विमर्श किया गया. दौरान जिला सहकारिता पदाधिकारी, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला गव्य पदाधिकारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, डीडीएम नाबार्ड व विभागों के कर्मी शामिल हुए.

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