आर्य समाज मंदिर में सामवेद परायण महायज्ञ संपन्न
मुख्य यजमान आदित्य कुमार चौबे ने बारी-बारी पूर्वक आचार्य सच्चिदानंद सरस्वती, आचार्य कपिल कुमार शर्मा, आचार्य ब्रह्मदत्त, आचार्य प्रियव्रत शास्त्री, आचार्य नैनश्री प्रज्ञा, आचार्य धर्म प्रकाश शास्त्री को शॉल ओढ़ा कर व वस्त्र प्रदान कर विदाई दी.
प्रतिनिधि, पथरगामा आर्य समाज मंदिर में चार दिवसीय सामवेद पारायण महायज्ञ सोमवार की देर रात संपन्न हो गया. महायज्ञ के मुख्य यजमान आदित्य कुमार चौबे ने बारी-बारी पूर्वक आचार्य सच्चिदानंद सरस्वती, आचार्य कपिल कुमार शर्मा, आचार्य ब्रह्मदत्त, आचार्य प्रियव्रत शास्त्री, आचार्य नैनश्री प्रज्ञा, आचार्य धर्म प्रकाश शास्त्री को शॉल ओढ़ा कर व वस्त्र प्रदान कर विदाई दी. इससे पूर्व सामवेद पारायण महायज्ञ के अंतिम दिन पंडित के मंत्रोच्चरण के साथ विधि-विधान पूर्वक पूर्णाहुति दी गयी. आचार्य ने कहा कि हवन और यज्ञ जीवन के लिए अतिआवश्यक है. कहा कि हवन यज्ञ करने से मन तो पवित्र होता ही है. वातावरण भी शुद्ध रहता है. यज्ञ करने से परमात्मा से साक्षात्कार हो सकता है. आचार्य ने लोगों से वेदों की तरफ लौटने की अपील की. कहा कि वेद है, तो जीवन है. वेद जीने का सही राह बताता है. सर्वदा कल्याण हुआ है. इधर मुख्य यजमान आदित्य कुमार चौबे ने बताया कि ऋग वेद, यजुर्वेद व सामवेद महायज्ञ को पूर्ण किया जा चुका है. बताया कि नये वर्ष 2025 में अथर्ववेद महायज्ञ कराने की घोषणा की गयी है. इस दौरान बड़ी संख्या में धर्मावलंबियों ने बौद्धिक प्रवचन का लाभ उठाया. मौके पर सुभाष चंद्र आर्य, सत्यदेव शास्त्री, वीरेंद्र आर्य, धनेश्वर शास्त्री, जियालाल आर्य, मीरा आर्या, वेद प्रकाश शास्त्री, लक्षमण शास्त्री, देव प्रकाश शास्त्री, चंद्रगुप्त आर्य समेत आर्यसमाज प्रेमी मौजूद थे.
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