150 सालों से हो रही मां सरस्वती व काली की पूजा
150 सालों से हो रही मां सरस्वती व काली की पूजा
ककना गांव में पूजा को लेकर माहौल भक्तिमय प्रतिनिधि,गोड्डा सदर प्रखंड के ककना गांव में मां सरस्वती और मां काली की पूजा की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. यहां यह पूजा पिछले 150 वर्षों से हो रही है. गांव में बाकायदा मंदिर का निर्माण किया गया है, जहां हर वर्ष विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है. इस वर्ष पूजा आज देर रात संपन्न होगी. इसे लेकर पूजा समितियों ने पूरी तैयारियां कर ली हैं. मंदिर का रंग-रोगन पहले ही किया जा चुका है, और प्रतिमा निर्माण को अंतिम रूप दिया जा चुका है. आज प्रतिमाओं को मंदिर में स्थापित किया जायेगा. पूरे जिले में मां सरस्वती की प्रतिमा की स्थापना और पूजा की जाती है, लेकिन इस गांव में मां काली की प्रतिमा भी स्थापित कर भक्तिभाव से पूजा-अर्चना की जाती है. इसे लेकर पूरे गांव के लोग कई महीनों से उत्साहित रहते हैं. देर रात मां काली की प्रतिमा स्थापित कर उनकी विशेष पूजा होती है, और उसी रात बकरे की बलि दी जाती है. पहले मां सरस्वती की पूजा की जाती है, उसके बाद मां काली की आराधना संपन्न होती है. गांव का माहौल पूरी तरह भक्तिमय हो चुका है. गांव के वृद्ध, युवा, महिलाएं सभी पूजा और मेले को लेकर बेहद उत्साहित हैं. समिति के सदस्य किंकर सिह, देवानंद सिंह, मृत्युंजय सिंह, अजय सिंह, अमरेंद्र सिंह, विष्णु सिंह, निरंजन सिंह, पंकज सिंह, सुनील सिंह, सुशील सिंह, संजीव सिंह, रिंटु सिंह, राजीव सिंह, पिंटू सिंह नीरज, सहित कई युवा सफल आयोजन में लगे हैं. …………………………. मंदिर प्रांगण में रामायण की प्रस्तुति, कई खेलकूद के कार्यक्रम का आयेाजन पूजा को लेकर गांव में उत्साह का माहौल हैं. दूसरी जगह के लोग भी पूजा के अवसर पर लगने वाले मेला देखने को लेकर अब पहुंचने लगे हैं. आज से वहां मेला का आयोजन किया जायेगा. पूजा को लेकर ही मंदिर प्रांगण में रामायण आदि की प्रस्तुति चलचित्र पर की जा रही है. समिति द्वारा बच्चों के बीच खेलकूद आदि प्रतियोगिताएं भी करायी जाती है. इसके अलावा केपीएल का भी आयोजन किया गया हैं. विजेताओं को सरस्वती पूजा के दिन पुरस्कृत किया जाएगा. …………………………………… देर रात तक प्रतिमा को अंतिम रूप देने में जुटे रहे कलाकार बोआरीजोर. श्रीपुर बाजार, ललमटिया सहित कई गांवों में बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा का उत्साह है. युवा पंडाल सजाने में जुटे हैं. बुधन पेंटर मां की प्रतिमा तैयार कर रहे हैं. बाजार में भी खरीदारी हो रही है. पंडित अंकेश उपाध्याय के अनुसार, 2 और 3 फरवरी को पूजा होगी.
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