सदर अस्पताल में प्रसूता की इलाज के दौरान मौत, आक्रोशित परिजनों ने किया हंगामा
महिला स्वास्थ्य कर्मियों पर पैसे वसूली व इलाज में कोताही बरतने का लगाया आरोप, लेबर वार्ड रूम में प्रतिनियुक्त महिला स्वास्थ्य कर्मियों के साथ हाथापाई, बाथरूम में छिपकर बचायी जान
गोड्डा सदर अस्पताल में इलाजरत प्रसूता की इलाज के दौरान मौत हो गयी है. प्रसूता का नाम प्रतिमा कुमारी पति कैलाश साह है. प्रसूता की मौत के बाद सोमवार की सुबह अस्पताल पहुंचकर परिजनों द्वारा बवाल काटा गया है. परिजन सहित कई लोग अस्पताल पहुंचे और लेबर वार्ड रूम में प्रवेश कर हंगामा किया. हालांकि प्रसूता की मौत देर रात ही हो गयी थी. अस्पताल में काम कर रहे गार्ड द्वारा परिजनों को देर रात ही शव ले जाने को कहा गया. परिजन शव भी ले गये, लेकिन पुन: शव को लाया गया और अस्पताल के मुख्य द्वार पर रखकर हंगामा किया गया. परिजनों ने इस बाबत जिप अध्यक्षा प्रतिनिधि सूरज सिंह को फोन कर सूचित किया. मामले में उनके द्वारा भी नाराजगी जाहिर की गयी तथा दोषियों पर कार्रवाई की मांग की गयी. हालांकि बाद में भाजपा नेता सुभाष यादव आदि भी पहुंच गये थे. शव को मुख्य द्वार पर रखकर परिजनों ने काफी हंगामा किया. आक्रोशित परिजन व अन्य लोग लेबर वार्ड रूम में घुस गये और हंगामा किया. महिला नर्स के साथ हाथापाई भी की गयी. ड्यूटी में तैनात नर्स ने लेबर वार्ड रूम के बाथरूम में छिपकर अपनी जान बचायी. अस्पताल के गार्ड कुंदन कुमार ने हंगामा कर रहे लोगों को रोकने का प्रयास किया, लेकिन आक्रोशित परिजन किसी की भी बात मानने को तैयार नहीं थे. जैसे-तैसे मामले को संभाला गया, नहीं तो लेबर वार्ड में भर्ती दूसरे मरीज की भी जान इलाज के अभाव में चली जाती. परिवार के सदस्य की मौत होने से परिजन गुस्से में थे. परिजनों ने आरोप लगाया कि इलाज में लापरवाही बरती गयी, जिसके बाद प्रसूता ने दम तोड़ दिया. गलत तरीके से ऑपरेशन करने सहित देखभाल नहीं करने का आरोप अस्पताल पर मढ़ा. परिजन काफी आक्रोशित थे. परिजनों के आक्रोश को देखकर असप्ताल कर्मी डरे-सहमे थे. हर किसी को परेशानी हो रही थी. कोई भी अस्पताल के अंदर जाने से परहेज कर रहा था. लेबर रूम की नर्सें तो डर व सहम कर काम कर रही थी.
पुलिस ने पहुंचकर संभाला मामला, अस्पताल प्रबंधन बना रहा मुकदर्शक
हंगामे के बीच किसी की भी हिम्मत आक्रोशित भीड़ को संभालने में नहीं हुई. पुलिस के पहुंचने के बाद जैसे-तैसे मामले को संभाला गया. जानकारी होने पर नगर थाना के एसआइ संजय कुमार सिंह द्वारा अस्पताल पहुंचकर मामले की जानकारी ली गयी. इसके बाद इंस्पेक्टर दिनेश महली सहित एसआइ शशिकांत, भोलनाथ दास आदि पहुंचे. इसके पहले पुलिस पदाधिकारियों की टीम जेल में छापेमारी के दौरान व्यस्त थी. इस बीच अस्पताल प्रबंधन मौन बना रहा. जान की सलामती में लोग लगे रहे. ड्यूटी में लगे नर्स आदि को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया. हाथापाई के बाद भी मैनेजर मोनाली राय के अलावा कोई देखने नहीं पहुंचा. पुलिस के पहुंचने के बाद जब अस्पताल प्रबंधन की खोज की जाने लगी, तभी अस्पताल उपाधीक्षक व मैनेजर पहुंचें. इस बीच कर्मियों को भयाक्रांत देखा गया. साथ ही असहाय भी देखा गया. जिले के इतने बड़े सदर अस्पताल में महिला चिकित्सक का नहीं होना चिंता की बात है. महिला चिकित्सक ऑन कॉल ड्यूटी पर रहती हैं. ऐसे में यदि प्रसूता की तबीयत बिगड़ी तो भगवान भरोसे ही मरीजों की जान बच जाती है. ऐसे में पूर्व में भी इस प्रकार की घटना हुई है, जिसमें हंगामा हुआ है. इतने बड़े अस्पताल में एक समय में सौ से अधिक महिला व पुरुष मरीज भर्ती रहते हैं. फिर भी रात में मात्र एक चिकित्सक रहते हैं. ऐसे में लेबर रूम से बुलावे पर चिकित्सक को जाना पड़ता है. यह देखने वाला कोई नहीं है. मैनेजमेंट का रूख भी समझ से परे है. पूर्व डीएस डॉ प्रभारानी प्रसाद व डॉ ताराशंकर के स्थानांतरण के बाद से तो हालत और भी बिगड़ गयी है. महिला विशेषज्ञ चिकित्सक के नहीं रहने से लेबर रूम की नर्स द्वारा ही प्रसव आदि कराया जा रहा है. इससे बड़ी चिंता की बात और क्या होगी. ऐसे में जिले में मातृ शिशु मृत्यु दर में सुधार की बात करना बेमानी है.
नर्स चंचला व श्वेता ने पैसा लेने की बात से किया इंकार, कहा आरोप बेबुनियाद
परिजनों द्वारा पांच हजार रुपये मांगने की बात पर नर्स चंचला ने इस प्रकार के आरोप से इंकार किया है. बताया कि पूरी ईमानदारी से इलाज की गयी है. लगाया गया आरोप मनगढंत है. उल्टे उनके साथ हाथापाई भी की गयी है. मरीज की सडेन डेथ हो गयी है. नीचे से चिकित्सक को बुलाया भी गया, लेकिन तब तक मौत हो गयी थी.
परिजनों ने इलाज में लापरवाही बरतने का दर्ज कराया मामला
इस मामले में मृतक प्रतिमा की मां रीता देवी ने नगर थाना में इलाज में कोताही बरतने का केस दर्ज कराया है. दर्ज प्राथमिकी में बताया गया है कि उनकी बेटी को रविवार दिन के एक बजे ही बच्चा हुआ. देर शाम से हालत बिगड़ने लगी तथा रात में मौत हो गयी. बताया कि नवजात स्वस्थ्य है. यह भी बताया कि उनकी बेटी को एक यूनिट रक्त भी चढ़ाया गया था. लेकिन नीचे के पार्ट में दर्द आदि की शिकायत करते चली गयी. साथ ही दर्ज कराये गये बयान में नर्स पर एक हजार रुपये लेने का आरोप मढ़ा है.