आखिर विधायक फंड के लाखों रुपये खर्च करने का क्या मतलब है, जब योजना का लाभ आम लोगों के अलावा संबंधित लाभुकों को ही नहीं मिल पा रहा है. क्षेत्र में योजनाओं को ठेकेदारी के नाम पर बलि चढ़ाने का काम किया गया है. उक्त बातें ललमटिया चौक के आसपास के ग्रामीण व दुकानदारों ने कहते हुए ललमटिया चौक पर करीब चार साल से बने शौचालय के अब तक चालू नहीं किये जाने पर सवाल खड़ा किया है. ग्रामीण बताते हैं कि ललमटिया सिदो-कान्हू चौक के समीप करीब पांच वर्ष पहले क्षेत्र के तत्कालीन विधायक ताला मरांडी की विधायक निधि से शौचालय का निर्माण कराया गया था. उक्त योजना में लाखों रुपये खर्च किये जाने की जानकारी ग्रामीणों ने दी है. बताया कि पूरी राशि की जानकारी उपलब्ध नहीं है, मगर दो से तीन लाख रुपये खर्च कर बनाये गये शौचालय में आज तक ताला लगा है. इन वर्षों के दौरान किसी ने भी उक्त शौचालय का इस्तेमाल नहीं किया. जबकि प्रतिदिन हजारों की संख्या में यात्री साहेबगंज, मेहरमा से लेकर बिहार व आसपास के इलाकों में आते-जाते हैं. शौचालय का निर्माण मुसाफिरों के लिए किया गया था. ठेकेदारी करने के बाद उक्त शौचालय को अब तक चालू नहीं किया गया है. लाखों रुपये के लागत से शौचालय तो बन गया, लेकिन शौचालय शुरू नहीं हो पाया है.
शौचालय को चालू कराने में विधायक ने भी नहीं दिखायी दिलचस्पी :
एक तरह से कहें तो पूर्व विधायक की निधि से बनाये गये शौचालय को आरंभ करने के प्रति वर्तमान विधायक लोबिन हेंब्रम ने भी दिलचस्पी नहीं दिखायी है. दूसरे विधायक व पार्टी की रस्सा-कस्सी के बीच सरकार के लाखों रुपये ऐसे ही बर्बाद हो रहा है. इतना ही नहीं जनप्रतिनिधि से एक कदम आगे स्थानीय प्रशासन ने भी शौचालय भवन को बेकार की वस्तु समझ कर उसे अब तक बंद रखा है. ग्रामीणों ने प्रशासन से शौचालय शुरू कराने की अपील की है. पूर्व मुखिया कैलाश भगत, अरुण कुमार, राधा प्रसाद साह, मो लड्डन ने कहा कि निर्माण पहले ही पूर्ण हो गया है. शौचालय में पानी की सुविधा उपलब्ध है. लेकिन प्रशासन द्वारा शौचालय शुरू नहीं किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है