बिजली की मांग को लेकर ग्रामीणों ने दूसरे दिन भी किया कोयला खनन कार्य बंद
अधिकारियों के साथ ग्रामीणों की वार्ता हुई विफल
राजमहल कोल परियोजना के लौहंडिया खनन क्षेत्र में प्रवेश कर लौहंडिया बाजार के ग्रामीणों ने बिजली की मांग को लेकर दूसरे दिन भी परियोजना के कोयला खनन कार्य को बंद किया. ग्रामीणों ने कोयला लोडिंग पॉइंट पर पहुंचकर जमकर प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने कहा कि प्रबंधन को किसी भी हाल में ग्रामीण को बिजली देना होगा. ग्रामीण पूरी तरह से परियोजना से प्रभावित है. हैवी ब्लास्टिंग से ग्रामीण के घर में दरार पड़ गया है. छत का मालवा गिरने की वजह से ग्रामीण घायल भी हो रहे हैं. कोयला के धूलकण से ग्रामीण प्रभावित होकर बीमार पड़ रहे हैं. प्रबंधन द्वारा गांव से सटकर खनन कार्य किया जा रहा है, जो खनन नियम के बिल्कुल विरुद्ध है. ग्रामीणों को पुनर्वासित करके ही गांव के बगल में खनन कार्य होता है. प्रबंधन सिर्फ कोयला निकालकर मुनाफा अर्जित करना जानती है. लेकिन ग्रामीणों को मूलभूत सुविधा के नाम पर धोखा दिया जाता है. दूसरे दिन कोयला खनन कार्य बंद होने की सूचना पर अंचल अधिकारी केदारनाथ सिंह, पुलिस इंस्पेक्टर वीरेंद्र कुमार, परियोजना के पदाधिकारी सतीश मुरारी, प्रणव कुमार ग्रामीणों से वार्ता के लिए पहुंचे. ग्रामीण को परियोजना के पदाधिकारी ने बताया कि ग्रामीणों कि मांग को परियोजना के हेड क्वार्टर भेजा जाएगा. सहमति मिलने पर ग्रामीणों के मांग को पूरा किया जाएगा. लेकिन पदाधिकारी के बात को ग्रामीण नहीं माने. ग्रामीण ने कहा कि जब तक बिजली नहीं मिलती है, जाम जारी रहेगा. प्रोजेक्ट ऑफिसर सतीश मुरारी ने बताया कि लगातार दो दिन कोयला खनन कार्य बंद होने से लगभग 4 करोड़ का नुकसान हुआ है.
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