बालू लदे ट्रैक्टरों के परिचालन को छूट, जुगाड़ वाहन पर बहाया जा रहा है पसीना
एनजीटी को लेकर जिलास्तर पर बनाये गये संयुक्त टीमों की कार्रवाई भी केवल फाइलों में ही रहती
जिले में चोरी-छुपे ट्रैक्टर से बालू का उठाव जहां-तहां किया जा रहा है. यह हाल जिले भर में है. जहां-तहां बालू का डंप देखा जा रहा है. ट्रैक्टर चालक रात के अंधेरे का फायदा उठाकर बालू का उठाव कर रहे हैं. जहां-तहां बालू डंप किया जा रहा है. वहीं जुगाड़ वाहन से उठाव पर कड़ाई बरती जा रही है. जुगाड़ वाहन पर बालू लादकर गिराने की पाबंदी लगा दी गयी है. चलाने पर मारपीट की जाती है तथा कई बार जब्त भी किया गया है. लेकिन ट्रैक्टर चालक पर नरमी बरती जाती है. इस कारण ट्रैक्टर चालक संगठित गिरोह की तरह काम कर रहे हैं. एनजीटी के नियमों की भी परवाह नहीं कर रहे हैं. दिखावे के लिए कुछ दिनों तक बालू का उठाव रोक देते हैं, फिर चालू कर देते हैं. शहर में कुछ स्थानों पर सात मंजिला इमारत के निर्माण के लिए 7-8 ट्रैक्टर बालू गिरा हुआ है. इसमें टीम को मोटी रकम मिल जाती है. एनजीटी में और भी चांदी हो जाती है. एनजीटी को लेकर जिलास्तर पर बनाये गये संयुक्त टीमों की कार्रवाई भी केवल फाइलों में ही रहती है. बालू के परिवहन व उठाव की पूरी जिम्मेवारी केवल पुलिस के कंधों पर रहती है. टास्क फोर्स की कार्रवाई केवल फाइलों पर दिखती है. इस ओर न तो जिला खनन विभाग गंभीर है और न ही कोई दूसरा विभाग. जिले के पथरगामा में भी बालू उठाव को लेकर कार्रवाई केवल दिखावे के लिए है. वहां तो यहां से भी ज्यादा संगठित गिरोह काम करता है, जिसके जुगाड़ के क्या कहनें. कमोबेश हर दिन वहां चोरी-छिपे बालू का उठाव होता ही है. जिस पर रोक नहीं लग पायी है.
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