प्रतिनिधि, बसंतराय हैदराबाद से कामगार अब्दुल्लाह का शव शनिवार अहले सुबह बसंतराय के बेलाकित्ता गांव पहुंचते ही माहौल गमगीन हो गया. शव पहुंचने ही परिवार वाले दहाड़े मार मारकर रोने लगे. बता दें कि हैदराबाद में काम कर रहे अब्दुल्लाह ने बीते गुरुवार को पारिवारिक कलह से तंग आकर किराये के मकान में आत्महत्या कर ली थी. वह बेलाकित्ता का निवासी था. बीते फरवरी में शादी हुई थी. शादी के बाद से ही ससुरालवाले प्रताड़ित कर रहे थे, जिसे तंग आकर उसने आत्महत्या कर ली. परिजनों ने श्रम नियोजन मंत्री सह गोड्डा विधायक संजय प्रसाद यादव से शव घर लाने की गुहार लगायी थी. मंत्री संजय प्रसाद यादव की पहल पर सरकारी खर्च पर शव बेलाकित्ता गांव शनिवार को लाया गया. हैदराबाद से रांची तक फ्लाइट से लाया गया, जबकि रांची से घर तक एंबुलेंस की व्यवस्था की गयी थी. सुबह 10 बजे सुपुर्दे खाक किया गया. जनाजे में काफी संख्या में ग्रामीण जुटे थे. मृतक अब्दुल्ला घर का एकमात्र कमाऊ सदस्य था. हालांकि उनके पिता अब्दुल अजीज दरभंगा स्थित किसी मस्जिद में इमामत करते हैं. बता दें कि अब्दुल्ला पांच बहन में अकेला भाई था. तीन बहन की शादी हुई है. बाकी बहनों की शादी कराने की जिम्मेदारी उसकी के कंधों पर थी. अब्दुल्ला के पिता अब्दुल अजीज उर्फ अजुल बार-बार नम आंखों से बेटे को याद कर इंसाफ की गुहार लगा रहे थे. ज्ञात हो कि अब्दुल्ला ने आत्महत्या से पूर्व अपने सोसल मीडिया (फेसबुक) से एक वीडियो बनाया था जिसमें उन्होंने अपने ही रिश्तेदार को घटना का जिम्मेदार ठहराया था. बताया कि शादी के बाद से ही उनकी पत्नी के नाना और रिश्ते में खालू के द्वारा अब्दुल्ला और उनके पिता को प्रताड़ित किया जा रहा था. पिता ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगायी है.
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