स्वास्थ्य केंद्र परिसर के पुराने जर्जर भवन से कभी भी हो सकती है दुर्घटना
भवन का खिड़की दरवाजा भी टूट फुटकर गायब
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पथरगामा परिसर में जर्जर सरकारी भवन से कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है. मालूम हो कि अस्पताल में ऐसे कई वर्षों पुराने जीर्णशीर्ण सरकारी भवन देखे जा सकते हैं, जो बिना काम के पड़े हुए हैं. ऐसे भवन के कभी भी ढह जाने का डर बना रहता है. बता दें कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पथरगामा में लगभग 50 वर्ष पूर्व बना ड्रेसर, कंपाउंडर व चतुर्थवर्गीय कर्मचारी के पुराने भवन की हालत अत्यंत नाजुक दिखाई पड़ रही है. भवन वर्षों से खाली पड़ा हुआ है. बता दें कि चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के लिए नया भवन बना हुआ है. कर्मचारी नये भवन में रहते भी हैं, लेकिन पुराना जर्जर भवन आज भी यूं ही खाली पड़ा हुआ है. इन पुराने भवनों के छत, छज्जा, दीवार, फर्श अधिकांश हिस्सों में टूट-फुट चुका है. भवन के अंदर जंक लगे छड़ साफ तौर पर दिखायी पड़ते हैं. भवन का खिड़की दरवाजा भी टूट फुटकर गायब हो चुका है. भवन में बिजली वायरिंग भी कब का उजड़ चुका है. स्पष्ट शब्दों में कहें तो यह भवन कभी भी ढह सकता है, जिससे कभी भी कोई हादसा हो सकता है, क्योंकि अस्पताल में मरीजों के साथ बच्चे भी रहते हैं जो प्रायः खेलने-कूदने के क्रम में पुराने जीर्ण-शीर्ण भवन के नजदीक चले जाते हैं. ऐसे में हमेशा खतरे की आशंका बनी रहती है. भवन की ऐसी दुर्दशा हो चुकी है कि उसकी मरम्मत अब नहीं करायी जा सकती है. क्योंकि भवन मरम्मत के लायक नहीं रह गया है. वहीं आसपास के ग्रामीणों का कहना है कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकारी स्तर पर इस भवन को पूरी तरह से गिरा ही देना चाहिए, क्योंकि पुराना भवन किसी काम का नहीं रह गया है. इससे अस्पताल में जगह भी बढ़ जायेगा. फिलहाल इस दिशा में किसी प्रकार की कोई पहल नजर नहीं आ रही है.
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