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आखिर कहां गया किसानों के हिस्से में बंटने वाला गेहूं व चना का बीज

पोड़ैयाहाट के किसान काट रहे है विभाग का चक्कर, नहीं मिल पाया है बीज

किसानों को सरकार की ओर से मिलने वाला गेहूं व चने के बीज में गोलमाल के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. रबी फसल लगाने के नाम पर जिला कृषि विभाग को आवंटित बीज का लाभ अब तक किसानों को नहीं मिल पा रहा हे. इस बात से किसान ज्यादा परेशान हैं कि उनके द्वारा फसल लगाने का समय भी बीतता जा रहा है. पोड़ैयाहाट के किसान लगातार प्रखंड कार्यालय का चक्कर काट-काट कर परेशान हैं, मगर उन्हें बीज नहीं मिल पा रहा है. किसानों के हिस्से का बीज कहां गया. इस बात को लेकर किसान पूरी तरह से रोष में हैं. दिसंबर का दूसरा सप्ताह बीतने को है, लेकिन कई पंचायत के किसानों को अब तक बीज नहीं मिल पाया है. धन कटनी के बाद किसान अपने खेत की जुताई कर गेहूं और चना बीज बोने के लिए खेत को तैयार कर चुके हैं. सिस्टम में पेंच की वजह से बाजार से ऊंची कीमत में बीज खरीदने को विवश हैं. किसान का कहना है कि अगर समय पर बीज नहीं मिलता है, तो कोई फायदा नहीं होगा. किसानों को कोई जानकारी नहीं है. यहां तक कि पंचायत के मुखिया को भी जानकारी नहीं है. किसान के बीज हाथों में नहीं पहुंचने के बाद ऐसे बीज अंत में बिचौलिए की भेंट चढ़ जाता हैं. एक पंचायत में लगभग 1000 किसान हैं. ऐसे में प्रखंड में 20000 से अधिक किसान हैंं, जो खेती पर ही आश्रित हैंं. वर्ष 2010 में बीज वितरण में अनियमितता का मामला उजागर हुआ था. तत्कालीन अनुमंडल अधिकारी रामचंद्र पासवान ने करवाई की थी. तत्कालीन कृषि पदाधिकारी पर प्राथमिकी की दर्ज करायी थी. वर्ष 2014 में सुरगुजा के बीज वितरण में अनियमितता का मामला उजागर हुआ था. मृत व्यक्ति के नाम से बीज उठाव कर लिया था. बुद्धिजीवियों का कहना है कि बीज वितरण के लिए कमेटी का गठन हो ओर ओरिजिनल किसान को बीज मिले, जो खेतों में बोया जा सके.

क्या कहते हैं किसान व पंचायत के जनप्रतिनिधि

इस संबंध में अंदु केवट का कहना है कि कोई जानकारी नहीं मिली है. साथ ही नरेश ठाकुर, महेंद्र प्रसाद ने कहा कि उन्हें बाजार से ही बीज खरीदना पड़ेगा. मुखिया ठाकुरनाहन बाबुलाल मरांडी व मुखिया संघ के अनुपम भगत ने बताया कि पूरे मामले की जांच होनी चाहिये. जिला कृषि विभग में पदाधिकारी व कर्मी बीज को बाजार में बेचने का काम कर रहे हैं. विधायक भी पूरे मामले को संज्ञान में लेकर जांच करायें.

क्या कहते हैं प्रखंड कृषि पदाधिकारी

जिस हिसाब से बीज उपलब्ध कराया गया है, जिले के किसानों के बीच वितरण किया जा रहा है. कम बीज के कारण किसानों को बीज नहीं मिल पाया है.

-आदिय कुमारB

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