डायरिया से आक्रांत मरीजों से पटा सदर अस्पताल, इलाज के के लिए कम पड़े बेड, चार दर्जन भर्ती
शुक्रवार को अस्पताल में सर्वाधिक मरीज, एडजस्ट करने में लगे चिकित्सक
गोड्डा जिले में डायरिया का कहर बढ़ गया है. हर दिन डायरिया के मामले बढ़ रहे हैं. डायरिया के इतने अधिक मामले बढ़ रहे हैं कि इलाज के लिए अस्पताल में बेड की भी किल्लत दिख रही है. हालांकि अस्पताल प्रशासन डायरिया के रोगियों के इलाज के लिए व्यवस्था करने में जुट गया है. डायरिया का सबसे ज्यादा प्रकोप पोड़ैयाहाट में बढ़ गया है. जिले के पोड़ैयाहाट में डायरिया ने पूरी तरह पैर पसार दिया है. शुक्रवार को डायरिया से आक्रांत सात वर्षीय बच्ची की पोड़ैयाहाट के देवंधा गांव में मौत भी हो गयी है. वहीं मृतक के भाई का उपचार सदर अस्पताल में किया जा रहा है. मृतक बच्ची के भाई का नाम राजा कुमार है. लक्ष्मी की मौत के बाद भाई का उपचार नाना-नानी की देखरेख में सदर अस्पताल में हो रहा है. नाना-नानी हंसडीहा के धनवै गांव के रहने वाले हैं. नतिनी की मौत के बाद नाती को इलाज के लिए सदर अस्पताल लेकर पहुंचे. बताया कि पूरा गांव डायरिया से आक्रांत हैं. नतिनी की मौत के बाद नाना आनंदी दास आहत हैं. जानकारी के अनुसार देवंधा गांव में तकरीबन 10-15 घरों में डायरिया फैला है. हरेक घरों में डायरिया के मरीज हैं. साथ ही देवंधा गांव में ही तीन दिन पहले पंकज दास की बेटी राधिका की भी डायरिया से जान चली गयी हैं. लगभग पूरा टोला डायरिया की चपेट में हैं, जहां पर अब स्वास्थ्य विभाग द्वारा कैंप प्रारंभ कर दिया गया है. देवंधा गांव के ही आलोक विश्वास की पत्नी ममता देवी तीन दिन पहले डायरिया से आक्रांत हुई थी. इसके बाद चार साल की बेटी स्वीटी भी डायरिया से आक्रांत हो गयी. आलोक विश्वास सदर अस्पताल पहुंचकर अपने परिवार का इलाज करा रहे हैं. आलोक ने बताया कि यदि दो घंटे और देर होती तो हालत अधिक बिगड़ सकती थी. हालांकि आलोक की पत्नी व बेटी अब ठीक है. कहा कि तीन दिनों से अस्पताल में भर्ती हैं. इसके अलावा लक्ष्मी की चचेरी बहन पायल भी डायरिया से आकांत हैं, जिसका उपचार सदर अस्पताल में किया जा रहा है. इसके अलावा पोड़ैयाहाट के ही सोंडिहा गांव में भी डायरिया से एक की मौत हुई है. डायरिया से मरने वाले में 15 वर्षीय सिंटू कुमार भी है, जिसकी मौत 27 सितंबर को हुई है. साथ ही सोंडिहा गांव के ही बलबीर कुमार (3 वर्ष) की मौत 30 सितंबर को हुई है. हर दिन गांव में डायरिया का मरीज बढ़ रहा है. डायरिया के बढ़ते केस को देखते हुए स्वास्थ विभाग की ओर से शुक्रवार को कैंप चलाया गया. रोगियों को दवा व ओआरएस दी गयी. पोड़ैयाहाट के चिकित्सक इलाज में लगे हैं. इसके अलावा पथरगामा के मधुसुदनपुर, गोड्डा के रंगमटिया, गायछांद, निपनिया, पथरा, सदर गोड्डा के सरकंडा, असनबनी आदि मुहल्लों व गांवों के मरीज डायरिया के उपचार के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराये जा रहे हैं. डायरिया पीड़ित मरीजों की बढ़ती तादात के बाद अस्पताल में देखरेख में लगे स्वास्थ्य कर्मियों का दम फुल रहा है. सबसे ज्यादा डायरिया से आक्रांत मरीज शुक्रवार को सदर अस्पताल में भर्ती कराये गये. मरीज अचानक इतने भर गये कि ड्यूटी में चिकित्सक डॉ राजेंद्र प्रसाद को बेड की व्यवस्था में माथापच्ची करनी पड़ी. मरीजों को प्राथमिकता के तौर पर भर्ती कराया गया. दूसरे मरीज जिसका उपचार किया जा चुका था व ठीक हो चुके थे, उनका बेड लिया गया. बताया कि मरीजो को दवा मुहैया करायी जा रही है. जानकारी के अनुसार पुरूष, महिला व इमरजेंसी आदि वार्ड में डायरिया के चार दर्जन से अधिक मरीज विभिन्न तिथियों में भर्ती हुए. इमर्जेंसी में डायरिया के पांच पांच मरीज शुक्रवार को भर्ती कराये गये. सबों को दवा, स्लाइन आदि मुहैया करायी जा रही है.
तीन सितंबर को डायरिया की खबर प्रकाशित की गयी है अखबार में
मालूम हो कि डायरिया की खबर तीन सितंबर को प्रभात खबर में प्रकाशित की जा चुकी है. इसमें बताया गया था कि डायरिया से पोड़ैयाहाट का देवंधा, सोन्डिहा आदि गांव में कई घर प्रभावित हैं. पूरी रिपोर्ट सत्य पायी गयी. डायरिया से मरने के बाद विभाग द्वारा स्वास्थ्य कैंप लगाया गया है, ताकि स्थिति को काबू में किया जा सके.
महिला आयोग की सदस्य के पहल पर जांच करने गयी स्वास्थ्य टीम
मामले को लेकर महिला आयोग की सदस्य ममता कुमारी द्वारा गंभीरता से पहल की गयी है. उनकी पहल पर ही पोड़ैयाहाट के देवंधा तथा सोंडिहा गांव में जानकारी होने पर उनकी ओर से बीडीओ, पोड़ैयाहाट के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सहित सिविल सर्जन को भी फोन कर सूचित किया गया. उनकी पहल पर कैंप का आयोजन गांव में ही किया गया है. वहीं कई मरीज जो डायरिया से गंभीर रूप से आक्रांत हैं, उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल रेफर किया गया. ममता देवी ने बताया कि पूरे गांव में फिनाइल सहित ब्लिचिंग आदि का छिड़काव करने सहित सामुदायिक भवन में मेडिकल कैंप लगाये जाने का निर्देश दिया गया है, ताकि रोगियों का समुचित उपचार कैंप के माध्यम से किया जा सके.
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