ललमटिया स्थित इसीएल कॉलोनी में आरओ वाटर प्लांट बंद हो जाने से ग्रामीण को पीने के पानी के लिए काफी परेशानी हो रही है. राजमहल परियोजना प्रबंधन द्वारा क्षेत्र के ग्रामीणों को शुद्ध पीने के पानी उपलब्ध कराने के लिए वाटर प्लांट लाखों रुपये की लागत से बनाया गया था. लेकिन ग्रामीण को प्रबंधन की उदासीनता के कारण योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. क्षेत्र के ग्रामीणों ने अपनी कीमती जमीन देकर परियोजना को स्थापित किया था. ग्रामीणों ने उम्मीद भी जतायी थी कि क्षेत्र में स्वास्थ्य, शिक्षा, पीने के पानी ग्रामीणों को उपलब्ध कराएगी और क्षेत्र के विकास में अपना सहयोग करेगी. लेकिन प्रबंधन ग्रामीणों के साथ धोखा कर रही है. प्रबंधन की गलत नीति के कारण परियोजना का विस्तार नहीं हो रहा है. ग्रामीण अपनी कीमती जमीन प्रबंधन को देना नहीं चाह रहे हैं. क्षेत्र के ग्रामीण कोयले की धूलकण एवं हैवी ब्लास्टिंग से परेशान हैं. प्रबंधन सिर्फ कोयला बेचकर मुनाफा अर्जन करती है. लेकिन ग्रामीणों को मूलभूत सुविधा नहीं है, जबकि कोल इंडिया के आरआर पॉलिसी के तहत परियोजना प्रभावित सभी ग्रामीणों को मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने का प्रावधान है. यूनियन के नेता रामजी साह ने बताया कि ललमटिया के ग्रामीणों के लिए शुद्ध पानी पीने के लिए वाटर प्लांट लाखों रुपए के लागत से बनाया गया था .लेकिन प्रबंधन की लापरवाही के कारण कई दिनों से वाटर प्लांट बंद है, जिससे ग्रामीणों को काफी दिक्कत होती है. प्रबंधन को जल्द से जल्द वाटर प्लांट शुरू करना चाहिए.
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