उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय बसखोरिया में मध्याह्न भोजन में भारी अनियमितता, मेन्यू के हिसाब से नहीं मिल रहा खाना

सरकारी स्कूलों में मिड-डे-मील की हकीकत, तीन माह से ना अंडा, ना फल चल रहा है सिर्फ दाल-भात

By Prabhat Khabar News Desk | February 10, 2025 11:31 PM

स्कूली बच्चों को पौष्टिक भोजन खिलाने की योजना दम तोड़ने लगी है. वैसे तो यह कोई नयी बात नहीं है. प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत स्कूलों में मिलने वाले मध्याह्न भोजन को लेकर बराबर शिकायत मिलती रहती है. बच्चों को एमडीएम में दाल-भात और कभी-कभी सब्जी तो मिल रहा है, परंतु उसके साथ मिलने वाला अंडा और फल थाली से गायब है. प्रखंड मुख्यालय से महज एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय बसखोरिया में बच्चों के मध्याह्न भोजन में अनियमितता बरते जाने का मामला प्रकाश में आया है.

कक्षा से एक से पांच तक कुल 77 बच्चे नामांकित, उपस्थिति मात्र 25

बताते चलें कि उक्त विद्यालय में कक्षा एक से पांच में कुल 77 बच्चे नामांकित हैं, जबकि विद्यालय में सोमवार को सिर्फ 25 विद्यार्थी की ही उपस्थिति थी. मालूम हो कि सोमवार को मेन्यू के हिसाब से मध्याह्न भोजन में बच्चों को चावल, दाल, हरि सब्जी और अंडा कढ़ी देने का निर्देश जारी किया गया है. विभाग के आदेशानुसार प्रत्येक बच्चों को एक अंडा या शाकाहारी बच्चों को फल देने का प्रावधान है. परंतु विद्यालय के बच्चों की थाली से अंडा नदारद था. बच्चों को सिर्फ चावल-दाल, आलू की सब्जी देते विद्यालय प्रबंध समिति को पाया गया. बच्चों से पूछे जाने पर बताया कि पिछले कई महीनों से अंडा नहीं मिला है, न कभी फल खाने को मिलता है.

मिट्टी के चूल्हे और कोयले में बनाया जाता है मध्याह्न भोजन

जानकारी हो कि अनुसूचित जाति बाहुल्य गांव में अवस्थित यह एक मात्र विद्यालय है. सरकार द्वारा बच्चों को इसलिए मध्याह्न भोजन में मेन्यू के हिसाब से पौष्टिक आहार दिया जाता है, ताकि उसकी तंदुरूस्ती बनी रहे. लेकिन यहां प्रभारी प्रधानाध्यापक द्वारा बच्चों की फर्जी हाजरी बनाकर मध्याह्न भोजन की राशि को बंदरबांट किया जा रहा है. विद्यालय में मध्याह्न भोजन भी मिट्टी चूल्हा और कोयले में बनाया जाता है. संयोजिका द्वारा बताया गया कि शिक्षक द्वारा गैस पर खाना बनाने नहीं दिया जाता है. बच्चों की उपस्थिति भी समय पर नहीं बनायी जाती है, बल्कि छुट्टी के वक्त में उपस्थित बनायी जाती है. इस संबंध में जब विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य सुरेश रविदास से बात किया गया, तो उन्होंने बताया कि बच्चे की उपस्थिति 25 से 30 तक होती है. अंडा भी दिया जाता है. बताया कि वे पिछले 2003 से इसी विद्यालय में कार्यरत हैं और अकेले सहायक शिक्षक है.क्या कहते है बीपीओ

बच्चों को दिये जाने वाली मध्याह्न भोजन में अनियमितता की शिकायत मिली है. जांच कर कार्रवाई की जाएगी.

– अली उमर खान बीपीओ बसंतराय.B

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