ठंड में पसीना बहाकर प्यास बुझा रहे हैं बसखोरिया के ग्रामीण
कमीशनखोरी की भेंट चढ़ गयी योजना, ग्रामीण नाराज
बसंतराय प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बाघाकोल पंचायत के अति पिछड़ा गांव छोटी बसखोरिया में 4.26 लाख रुपये की लागत से लगा सोलर जलमीनार लोगों को केवल चिढ़ाने का काम कर रहा है. सोलर जलमीनार बीते तीन-चार माह से खराब है. ऐसे में टोले में रहने वाले लोगों को इस ठंड में पसीना बहाकर अपनी प्यास बुझानी पड़ती है. कारण की सोलर जलमीनार खराब हैं. ऐसे में काफी दूर से पसीना बहाकर पानी ढोकर लाना पडता है. ग्रामीण विनोद राय, विजय राय, मदन कुमार, विकास कुमार, रीता देवी, अंजनी कुमारी, गुड्डू राय ने बताया कि सोलर जलमीनार लगने से लोगों को शुद्ध पेयजल को लेकर उम्मीद जगी थी. लेकिन लगने के बाद ही जलमीनार ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया. कुल मिलाकर यह योजना कमीशनखोरी की भेंट चढ गयी. अब ग्रामीणों को पेयजल नसीब नहीं होने से पेयजल को लेकर हाहाकार मच गया है.बताते चलें कि तकरीबन 400 की आबादी वाले अति पिछड़ा (अनुसूचित जाति) गांव छोटी बसखोरिया में मात्र एक ही सोलर जलमीनार लगाया गया है. ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया कि पंचायत प्रतिनिधि के द्वारा भी लोगों की लगातार उपेक्षा किये जाने का परिणाम स्वरूप सोलर जलमीनार निर्माण कार्य में गुणवत्ता का ध्यान जरा भी नहीं रखा गया है. सोलर जलमीनार में प्रयुक्त सभी घटिया सामग्री लगाया गया है. रिपेयरिंग के नाम पर राशि निकालकर खानापूर्ति कर दी गयी है. इस संबंध में प्रखंड प्रमुख अंजर अहमद से भी शिकायत की गयी है. लेकिन अब तक मरम्मत करने को लेकर कोई ठोस पहल नहीं की गयी है. उपायुक्त से जांच करा कर अविलंब सोलर जलमीनार मरम्मत करने की मांग की है.
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