सोहराय पर्व को लेकर कार्यशाला आयोजित, छात्र-छात्राएं रहे उपस्थित
सोहराय पर्व के महत्व पर वक्ताओं ने बारी-बारी पूर्वक विस्तार से दी जानकारी
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत रविवार को महेशलिट्टी पंचायत अंतर्गत मध्य विद्यालय कुमर्सी परिसर में सोहराय पर्व की विशेषता पर एक दिवसीय सोहराय पर्व की विशेषता एवं ओलचिकी सिखना़त कार्यशाला सह प्रशिक्षण का आयोजन हापड़ाम आखड़ा आरी चाली वांचाव ट्रस्ट के तत्वावधान में किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण बुद्धिजीवी, छात्र-छात्राएं उपस्थित थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता हापड़ाम अखाड़ा आरी चाली बांचाव ट्रस्ट के जिलाध्यक्ष ज्ञानदेव टुडू ने किया. जिलाध्यक्ष श्री टुडू ने अपने संबोधन में कहा कि सोहराय पर्व संतालों का सबसे बड़ा पर्व है, जो 9 से 14 जनवरी तक कुल सात दिनों तक चलता है. कहा कि सोहराय पर्व को लेकर आदिवासी समुदाय की तैयारी जोरशोर से चल रही है. इस दौरान सोहराय पर्व के महत्व पर वक्ताओं ने बारी-बारी पूर्वक विस्तार से जानकारी लोगों को दी. गोड पूजा, ओड़ाक पूजा, गोहाल पूजा, गाय चुमवाना के विषय पर भी विस्तार पूर्वक जानकारी दी गयी. इस दौरान शशि सुमन हांसदा ने ओलचिकी लिपी की जानकारी देते हुए अभ्यास कराया. संथाली गान के माध्यम से लिपी को सिखाने का तरीका बताया गया. कार्यक्रम में जिशुराम हेंब्रम, प्रधान बेसरा, विजय कुमार मुर्मू, कृष्णा मुर्मू, शशि हुमन हांसदा, पटवारी टुडू, हबी मुर्मू, सोहन चंद्र हांसदा, मोती मुर्मू, सुरेंद्र मुर्मू, प्रियंका मुर्मू, शिवम हेंब्रम, माही मुर्मू, विनोद मुर्मू, सोनालाल टुडू आदि मौजूद थे.
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