ककना सरस्वती मंदिर में देर रात हुई मां शारदे व काली की पूजा-अर्चना
सरस्वती पूजा में मंदिर परिसर रहता है गुलजार
गोड्डा सदर प्रखंड के ककना स्थित सरस्वती मंदिर में मां शारदे की पूजा धूमधाम से की गयी. मां सरस्वती के साथ मां काली, लक्ष्मी व भगवान कार्तिकेय व अन्य देवताओं की भी पूजा प्रतिमा स्थापित कर मनायी जाती है. यहां सरस्वती पूजा में मंदिर परिसर गुलजार रहता है. तीन दिनों तक मेला भी लगता है. सोमवार की देर रात मां सरस्वती की पूजा अराधना की गयी. इसके बाद मां काली की अराधना की गयी. मां काली की पूजा के बाद बकरे आदि की बलि दी जाती है. यहां कई सालों यह परंपरा चली आ रही है. बसंतपंचमी में गांव में भारी संख्या में लोगो का जमावडा रहता है. गांव के जितने भी लोग परदेश आदि में रोजी रोटी की तलाश में जाते है. वे कम से कम बसंत पंचमी में गांव में ही आ जाते हैं. तीन-चार दिनों तक गांव में भक्तिमय माहौल रहता है. यहां मां शारदे की पूजा करने की अलग परंपरा हैं. गांव में मां सरस्वती का भव्य मंदिर बनाया गया है.
आज लगेगा भव्य मेला
मेले का आयोजन आज किया जाएगा. मंदिर परिसर व आसपास जगहों पर मेले का आयोजन किया जाएगा. मेला देखने के लिए भारी संख्या में दूसरे गांव से भी लोग जुटते हैं. हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ मेला के अवसर पर गांव में जुटती है. भीड़ को संभालने के लिए पुलिस प्रशासन की सहायता लेनी पड़ती है. हालांकि पूजा समिति के वॉलेंटियर द्वारा आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम व मेले को लेकर विशेष पहल की जाती है. मेले के दौरान ही सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया जाता है. लोग दूर-दूर से मेले का आनंद लेने के लिए यहां पहुंचते हैं. पूजा के सफल संचालन को लेकर गांव के दर्जनों लोग लगे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है