ललमटिया रेलवे केबिन के पास पूर्व निर्धारित समय के अनुसार एमजीआर रेलवे लाइन ठेका मजदूर का तीन दिवसीय चक्का जाम शुरू हो गया. संथाल परगना औद्योगिक मजदूर संघ के बैनर तले रेलवे लाइन के पास लाल झंडा लगाकर ठेका मजदूरों ने अपनी सात सूत्री मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया. मजदूर संघ के सचिव राम जी साह ने बताया कि फरक्का एनटीपीसी प्रबंधन की मनमानी चरम सीमा पर है. ठेका मजदूर का प्रबंधन एवं ठेकेदार दोनों शोषण कर रहे हैं.
प्रबंधन के साथ कई बार वार्ता के बावजूद नहीं हुई सकारात्मक पहल
मजदूर अपनी मांगों को लेकर कई बार प्रबंधन से वार्ता किया. लेकिन प्रबंधन मजदूर की मांग पर कोई भी सकारात्मक पहल नहीं की. मजबूर होकर ठेका मजदूर आंदोलन के लिए बाध्य हुए हैं. उन्होंने कहा कि मजदूर का जनवरी 2024 से एरियर भुगतान नहीं किया गया है. कई मजदूरों को अनुकंपा पर नौकरी नहीं दी गयी है. मजदूर के पीएफ राशि भुगतान नहीं हो रहा है. पीएफ राशि का कोई भी हिसाब नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 12 से 14 दिसंबर तक पूरी तरह से चक्का जाम कर राजमहल परियोजना से कोयला ढुलाई को बंद किया गया है, अगर प्रबंधन इस आंदोलन से मजदूर के मांग पर कोई भी सकारात्मक पहल नहीं करती है, तो आंदोलन में और तेजी लायी जाएगी.पहले दिन 9600 टन कोयला नहीं जा सकास फरक्का एनटीपीसी
प्रथम दिन के चक्का जाम होने से फरक्का एनटीपीसी को 9600 टन कोयला नहीं जा सका, जिससे लगभग 2 करोड़ 50 लाख का नुकसान हुआ है. मौके पर उपसचिव सोनाराम मड़ैया, दिलीप हांसदा, लोहा सिंह, जितेंद्र मुर्मू, जुगल सोरेन, बिहार मरांडी, चंदन मुर्मू, रामका मुर्मू, मनोज टुडू, गुलाब मुर्मू, बेटा राम मरांडी आदि उपस्थित थे. वहीं, एनटीपीसी के पदाधिकारी आलोक कुमार ने बताया कि ठेका मजदूर के चक्का जाम से लगभग 2 करोड़ 50 लाख का नुकसान हुआ है. कोयला ढुलाई बाधित हुई है. मजदूर की मांग पर कुछ भी बताने में असमर्थ हूं. वार्ता के लिए एनटीपीसी के पदाधिकारी जामस्थल पर जा रहे हैं.
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