राजमहल कोल परियोजना के राजमहल हाउस में परियोजना प्रभावित क्षेत्र बसडीहा, तालझारी, बड़ा भोराय, लीलातरी ,लौहंडिया, नीम कला, हिजूकिता सिमड़ा आदि दर्जनों गांव के ग्रामीणों ने पहुंचकर बोरियो विधानसभा के विधायक धनंजय सोरेन को अपनी समस्या सुनायी. सर्वप्रथम ग्रामीण ने विधायक को माला पहनाकर स्वागत किया. बसडीहा गांव के ग्रामीणों ने कहा कि परियोजना प्रबंधन गांव के चारों तरफ गड्ढा कर छोड़ दिया है. गांव को टापू की तरह बना दिया है. ग्रामीण को घर का मुआवजा, घर बनाने की जमीन प्रबंधन नहीं दे रही है. इससे ग्रामीण परेशान हैं. तालझारी गांव के ग्रामीणों ने अपना दर्द बताते हुए कहा कि प्रबंधन जबरदस्ती घर तोड़ने की बात कह रही है तथा ग्रामीण को जमीन का मुआवजा एवं नौकरी नहीं दिया गया है. जबरदस्ती पुलिस का डर दिखाकर गरीब आदिवासी का जमीन लूट रही है. पुनर्वास स्थल पर कोल इंडिया के नियम के अनुसार मूलभूत सुविधा नहीं दी जा रही है. प्राइवेट कंपनी की मनमानी चरम सीमा पर है. कंपनी बाहरी लोगों को नौकरी पर रख रही है, जबकि क्षेत्र के रैयत नौकरी के लिए भटक रहे हैं. प्राइवेट कंपनी मोंटे कार्लो क्षेत्र के लाखों वृक्ष काट कर कोयला खनन कर रही है. क्षेत्र के पर्यावरण मैं जहर फैला रहा है. विधायक ने ग्रामीण को आश्वासन दिया कि 75% स्थानीय लोगों को कंपनी प्रबंधन नौकरी देगी और सरकारी नियम के अनुसार रैयत को सभी सुविधा देना होगा. परियोजना प्रबंधन व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए रैयत को परेशान करते हैं. स्थानीय लोगों को ठेकेदारी में की प्राथमिकता देनी होगी. प्रबंधन को अपने कार्य शैली में सुधार करना होगा, अन्यथा हमेशा के लिए परियोजना को बंद कर दिया जाएगा. परियोजना के पदाधिकारी दिनेश शर्मा ने कहा कि नियमानुसार ग्रामीणों को सभी सुविधा दी जायेगी. प्रबंधन ग्रामीण की समस्या पर सकारात्मक पहल करेगी. मौके पर एपीएम संदेश बडाडे, 20 सूत्री अध्यक्ष सुनील मरांडी, निसार अहमद, करीम अंसारी, अकमल अंसारी, अहमद अंसारी आदि उपस्थित थे.
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