महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य कर रहा अदाणी फाउंडेशन

करनू गांव में दो दिवसीय मशरूम उत्पादन सह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

By Prabhat Khabar News Desk | January 6, 2025 11:17 PM

अदाणी फाउंडेशन के सौजन्य से करनू गांव में दो दिवसीय मशरूम उत्पादन सह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. प्रशिक्षण में बताया गया कि गांव में रहने वाली महिलाओं की आय को बढ़ाने और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से अदाणी फाउंडेशन उन्हें मशरूम की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. इसकी शुरूआत अदाणी पावर प्लांट के पाइप लाइन के आसपास गांव करनू में 60 से ज्यादा स्थानीय महिलाओं को प्रशिक्षण देकर की गयी है. इस दौरान उत्कर्ष जैविक कृषि संस्थान के विशेषज्ञ प्रशिक्षक मनीष कुमार ने महिलाओं को मशरूम की खेती के विभिन्न पहलुओं के साथ-साथ मशरूम उत्पादन से होनेवाले लाभ के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी. प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि मुख्यतः तीन अलग-अलग प्रकार के मशरूम होते हैं, जिसमें मिल्की, ऑयस्टर और बटन मशरूम शामिल है. ऑयस्टर मशरूम की खेती बहुत आसान और सस्ती है. इसमें दूसरे मशरूम की तुलना में औषधीय गुण भी अधिक होते हैं एवं इस मशरूम में सबसे अच्छी बात होती है कि इसे किसान सुखाकर भी बेच सकते है. इसका स्वाद भी अन्य मशरूम की तुलना में बेहतर होता है. मशरूम की खेती कर महिलाएं सालों भर कम लागत से अधिक मुनाफा कमा सकती है. मशरूम के एक बैग को तैयार करने में लगभग 50 रुपये की लागत आती है, जिसे बेचकर एक महिला प्रतिदिन 200 से 300 रुपए तक मुनाफा कमा सकती है. इससे हर महीने औसतन पांच से छह हजार रुपये तक की आमदनी होगी.

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