गोड्डा कॉलेज के छात्रों ने विस चुनाव में भागीदारी देने का लिया संकल्प
स्वीप कार्यक्रम के तहत चलाया गया जागरुकता अभियान
गोड्डा. सिस्टमैटिक वोटर एजुकेशन एंड इलेक्टरल पार्टिसिपेशन (स्विप) कार्यक्रम को लेकर गोड्डा कॉलेज में बड़ी संख्या में छात्रों ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए मतदान करने का शपथ ली. इस दौरान कॉलेज में परीक्षा के संचालन के बावजूद अलग-अलग व अलग समय में छात्रों ने परीक्षा के बाद शपथ ली. छात्रों ने कहा कि झारखंड विधानसभा आम चुनाव में अवश्य वोटिंग करेंगे. बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने यह संकल्प लिया कि विधानसभा चुनाव में किसी भी तरह के लोभ लालच से दूर व किसी दबाव के बिना, धर्म -जाति आदि से ऊपर उठकर अपने मनपसंद कैंडिडेट को वोट देंगे. बताते चलें कि गोड्डा कॉलेज में हजारों छात्र-छात्राएं में कई फर्स्ट टाइम वोटर हैं. 2024 के लोकसभा आमचुनाव में भी गोड्डा कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने संकल्प लेकर वोटिंग में शत प्रतिशत हिस्सा लिया था. विद्यार्थी अपने गांव में जाकर भी लोगों को मतदान के लिए प्रेरित भी किया था. छात्र-छात्राओं ने कहा कि वोटिंग उनका अधिकार है. वोटिंग के सहारे ही सरकार चुन पायेंगे. स्वीप प्राचार्य डॉ स्मिति घोष, डॉ इंदिरा तिवारी, प्रो मृत्युंजय दुबे, डॉ संजय प्रियंवद, डॉ सरफराज, सिस्टमैटिक वोटर एजुकेशन एंड इलेक्टरल पार्टिसिपेशन(स्वीप) कार्यक्रम के तहत गोड्डा कॉलेज में विद्यार्थियों ने बड़ी संख्या में लोकतंत्र की रक्षा के लिए मतदान करने का प्रण लिया. अलग-अलग समय में अलग-अलग कक्षाओं एवं परीक्षाओं में विद्यार्थियों ने खड़े होकर यह संकल्प लिया कि झारखंड विधानसभा आम चुनाव में वे अवश्य वोटिंग करेंगे. बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने यह संकल्प लिया कि विधानसभा चुनाव में किसी भी तरह के लोभ लालच में नहीं फसेंगे. किसी भी दबाव के बिना, धर्म -जाति आदि से ऊपर उठकर अपने मनपसंद कैंडिडेट को वोट देंगे. गोड्डा कॉलेज में हजारों छात्र-छात्राएं हैं जिनमें कई फर्स्ट टाइम वोटर हैं. 2024 के लोकसभा आम चुनाव में भी गोड्डा कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने संकल्प लेकर वोटिंग में शत प्रतिशत हिस्सा लिया था. गोड्डा कॉलेज के विद्यार्थीगण अपने गांव में जाकर भी लोगों को मतदान के लिए प्रेरित करते हैं. अभियान चलाते हैं. छात्र-छात्राओं ने कहा कि वोटिंग हमारा अधिकार है. वोटिंग के सहारे हम अपने मन की सरकार चुनते हैं. स्विप कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ स्मिति घोष, डॉ इंदिरा तिवारी, डॉ रंजन कुमार, डॉ संजय प्रियंवद, प्रो मृत्युंजय दुबे, डॉ सुबोध रजक, डॉ जया कुमारी आदि शामिल थे.
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