Bottom News : खदान के निजीकरण के खिलाफ करना होगा आंदोलन : सुजीत भट्टाचार्य
कहा कि भारत सरकार के द्वारा कोयला खदान को लगातार निजीकरण किया जा रहा है, जिससे मजदूर व रैयत को नुकसान होनेवाला है.
ओसीपी कार्यालय व हुर्रासी कोयला खनन क्षेत्र का सीटू के सदस्य ने किया निरीक्षण तस्वीर-32 राजमहल हाउस में जेबीसीसीआई सदस्य को गुलदस्ता देकर सम्मानित करते सीटू यूनियन के नेता प्रतिनिधि, बोआरीजोर राजमहल कोल परियोजना के ओसीपी कार्यालय व हुर्रासी कोयला खनन क्षेत्र का निरीक्षण सीटू यूनियन के जेबीसीसीआई सदस्य सुजित भट्टाचार्य ने किया. मजदूरों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार के द्वारा कोयला खदान को लगातार निजीकरण किया जा रहा है, जिससे मजदूर व रैयत को नुकसान होनेवाला है. इसीएल क्षेत्र में अभी तक लगभग कोयला खदान के पांच हजार हेक्टेयर भूमि को निजी कंपनी के हवाले कर दिया गया है. निजीकरण से बचने के लिए सभी मजदूर को एकजुट होकर आंदोलन करना होगा. कोयला मजदूर किसी से भी कमजोर नहीं है. मजदूर के कठोर मेहनत से देश रोशन होता है. पर सरकार मजदूर के मेहनत को अनदेखी कर निजीकरण कर रही है. सरकार के द्वारा नया श्रम कानून बनाया जा रहा है, जो मजदूर हित में नहीं है. क्षेत्र के रैयत अपनी कीमती जमीन देकर कोयला कंपनी को स्थापित करती है. रैयत अपनी जमीन इसीएल को देते हैं. पर इसीएल प्राइवेट कंपनी को हवाले कर देती हैं, जिससे रैयत कोल इंडिया के नियम के अनुसार सुविधा भी प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं. इस दौरान जेबीसीसीआई सदस्य ने हुर्रासी कोयला खनन क्षेत्र के ठेका मजदूर के उत्थान के लिए संगठन का गठन किया गया. सर्वसम्मति से अध्यक्ष सिल्वेस्टर मुर्मू एवं सचिव आनंद मुर्मू को चुना गया. राजमहल परियोजना के सीटू यूनियन के नेता ने राजमहल हाउस में जेबीसीसीआइ के सदस्य को गुलदस्ता एवं अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया. मौके पर प्रमोद हेंब्रम, महेंद्र हेंब्रम, संतोष किस्कू, भीम मरां,डी आसीत कुमार, संतलाल लोहार आदि उपस्थित थे.
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