देवघर से गोड्डा वाया मोहनपुर-हंसडीहा रेल लाइन में पहली डेमू पैसेंजर ट्रेन बुधवार को चली. गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को रवाना किया. देवघर स्टेशन परिसर में उद्घाटन समारोह में सांसद डॉ दुबे ने कहा कि देवघर-गोड्डा की यह ट्रेन मेरे जीवन का खुशनुमा पल है. मैं जब गोड्डा चुनाव लड़ने आया, तो यहां की सबसे बड़ी मांग देवघर-गोड्डा रेल सेवा शुरू करने का वायदा किया था. पीएम नरेंद्र मोदी की गारंटी के साथ-साथ जनता के स्नेह तथा आशीर्वाद से गोड्डा तक रेल का सपना पूरा कर पाया. उन्होंने कहा कि गोड्डा तक रेल बहुत पहले आ जाती, लेकिन झारखंड में शिबू सोरेन के नेतृत्व में यूपीए की सरकार ने रेल लाइन के लिए राज्य का अंश रेलवे को देने से इंकार कर दिया था. जब अर्जुन मुंडा सीएम बने, तो इस रेल लाइन की स्वीकृति दी, लेकिन तत्कालीन सांसद बाबूलाल मरांडी ने मुझे इस रेल लाइन को देवघर व पीरपैंती से जोड़ने का सुझाव दिया. डॉ दुबे ने कहा कि झारखंड पूरे देश में रेलवे को चलाने के लिए 40 फीसदी राजस्व देता है, लेकिन पीएम मोदी के आने से पहले यूपीए की सरकार ने हमेशा झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार किया. देश के सभी राज्य रेलवे को नयी लाइन बनाने के लिए 50 फीसदी राशि देती थी, लेकिन झारखंड 67 फीसदी देता था. इसकी लड़ाई भी मैंने लड़ी व झारखंड को भी 50 फीसदी पैसा देने के लिए राजी किया.
गोड्डा में राज्य की पहली रेल लाइन अपने खर्चे पर बना रही रेलवे
सांसद ने कहा कि राज्य द्वारा 50 फीसदी अंशदान देने से राज्य को तीन हजार करोड़ रुपये की बचत हुई. भाजपा की सरकार में सीएम से 1500 करोड़ रुपये मांगे, जिसके बाद देवघर-पीरपैंती लाइन की स्वीकृति मिली. बावजूद इस लाइन में कोयले का भंडार मिलने के कारण राज्य सरकार ने जब इस प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया, तो मेरी मांग पर पीएम मोदी व रेल मंत्रालय ने अपने खर्चे पर गोड्डा से पीरपैंती तक रेल लाइन बनाने का निर्णय लिया. यह झारखंड की पहली रेल लाइन होगी, जो रेलवे अपने खर्चे पर बनाने जा रही है. आने वाले समय में गोड्डा से कई नयी ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी. ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के बाद सांसद डॉ दुबे अपनी पत्नी अन्नुकांत दुबे के साथ पैसेंजर ट्रेन पर बैठकर गोड्डा तक गये. इस दौरान जगह-जगह उत्साह के साथ लोगों ने स्टेशन व हॉल्ट पर सांसद का स्वागत किया. समारोह में डीआरएम चेतनानंद सिंह, चीफ प्रोजेक्ट ऑफिसर एमके मीणा, स्टेशन प्रबंधक विभूति कुमार आदि थे.