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मोंटे कार्लो कंपनी के ठेका मजदूरों ने कोयला खनन कार्य को किया बाधित

हाइ पावर कमेटी के मजदूरी की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं मजदूर

By Prabhat Khabar News Desk | May 15, 2024 11:45 PM

राजमहल कोल परियोजना के अधीनस्थ कार्यरत हुर्रासी खनन क्षेत्र में ठेका मजदूरों ने हाइ पावर कमेटी की दर से मजदूरी की मांग को लेकर सोमवार की रात से कोयला खनन कार्य को बाधित कर दिया है. ठेका मजदूरों ने खनन क्षेत्र के मुख्य द्वार के पास हाथ में बैनर लेकर प्राइवेट कंपनी मोंटे कार्लो का जोरदार विरोध किया. मजदूरों ने कहा कि कंपनी प्रबंधन की मनमानी चरम सीमा पर है. कोल इंडिया के नियम के अनुसार खनन क्षेत्र में कार्य करने वाले मजदूर को हाइ पावर कमेटी की दर से मजदूरी का भुगतान करना है. मजदूरों को सारी मूलभूत सुविधा भी उपलब्ध कराना है. लेकिन कंपनी प्रबंधन चुन-चुन कर मजदूरों को हाइ पावर कमेटी की दर से मजदूरी दे रही है. उन्होंने कहा कि कंपनी में ठेका मजदूर के रूप में कार्य करने वाले परियोजना के पदाधिकारी के कई रिश्तेदार हैं. परियोजना के पदाधिकारी के रिश्तेदारों को मजदूरी के साथ-साथ सभी सुविधा दी जा रही है. लेकिन कंपनी के खनन क्षेत्र में कार्य करने वाले मजदूरों का शोषण किया जा रहा है. कंपनी बाहरी मजदूरों को रखकर काम करवा रही है तथा झूठा रिपोर्ट बनाकर प्रशासन को लोकल मजदूर के रूप में कागज दिखा रही है. कंपनी के खनन क्षेत्र में नियम के अनुसार कोई भी कार्य नहीं किया जा रहा है. कोयला खनन बेंच के अनुसार नहीं हो रहा है. खनन क्षेत्र में लाइटिंग की व्यवस्था नहीं है. पीने का पानी एवं अन्य सुविधाएं भी नहीं दी गयी है. मजदूरों के काम बाधित किये जाने से कंपनी की कोयला ढुलाई पूरी तरह से बाधित हो गयी है. मजदूरों के आंदोलन की सूचना पर परियोजना के पदाधिकारी कंपनी के पदाधिकारी वार्ता के लिए खनन क्षेत्र में पहुंचे, लेकिन मजदूर अपने मांगों के समर्थन में लगातार आंदोलन करते रहे और कंपनी की वार्ता विफल हो गयी. परियोजना के पदाधिकारी विजय कुमार ने बताया कि मजदूर अपनी मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. कंपनी का कोयला खनन कार्य बाधित हो गया है. मजदूर से की जा रही है. मोंटे कार्लो कंपनी के प्रबंधक केके सिंह ने बताया कि मजदूर के आंदोलन से कोयला खनन एवं डिस्पैच प्रभावित हो गया है. कंपनी नियम के अनुसार मजदूरी दे रही है तथा अधिकतर मजदूर स्थानीय है.

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