राजमहल कोल परियोजना के ऊर्जानगर आवासीय कॉलोनी में नियमित रूप से पानी नहीं मिलने के कारण परियोजना कर्मियों को दिनचर्या कार्य करने में काफी परेशानी हो रही है. परियोजना प्रबंधन द्वारा आवासीय कॉलोनी में 20 से 25 दिन के अंतराल में पानी सप्लाई की जा रही है. वह भी पानी गंदगी से भरा रहता है. वहीं इन्हीं कर्मी के कठोर मेहनत से परियोजना प्रबंधन प्रत्येक वर्ष करोड़ों का मुनाफा अर्जित करती है. लेकिन पानी जैसी मूलभूत सुविधा परियोजना कर्मी को नहीं देना, बिल्कुल गलत है. जबकि परियोजना प्रबंधन को क्षेत्र के रैयत व प्रभावित ग्रामीणों को भी मूलभूत सुविधा देना है. लेकिन प्रबंधन जब अपने स्टाफ को ही मूलभूत सुविधा नहीं दे रही है, तो रैयत के लिए उम्मीद करना नाइंसाफी है. परियोजना में कार्य करने वाले कर्मी प्रत्येक दिन सुबह उठकर अपनी ड्यूटी पर जाते हैं और परियोजना के कोयला खान कार्य में सहयोग करते हैं. लेकिन ड्यूटी से कॉलोनी आने के बाद उन्हें पानी की परेशानी का सामना करना पड़ता है. जिससे उनके मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है. ऊर्जा नगर आवासीय कॉलोनी के मेंटेनेंस का कार्य ग्लोबल टेंडर द्वारा संवेदक को दिया गया है. ऊर्जा नगर आवासीय कॉलोनी में कई जगह पानी सप्लाई का पाइप फटा हुआ है. लेकिन मरम्मत नहीं की जा रही है. कॉलोनी में गंदगी का अंबार है. इस संबंध में एटक यूनियन के एरिया सचिव रामजी साह ने बताया कि मजदूर के सहयोग से परियोजना ऊंचाई पर है. लेकिन मजदूरों को सुविधा नहीं देना बिल्कुल गलत है. आवासीय कॉलोनी में नियमित रूप से पानी मिलनी चाहिए. सिविल डिपार्टमेंट की लापरवाही के कारण मजदूर पानी के लिए परेशान हो रहे हैं. क्षेत्र के एवं कॉलोनी की समस्या के समाधान के लिए संयुक्त ट्रेड यूनियन की बैठक बुलानी चाहिए. परियोजना क्षेत्र में वेलफेयर का नाम खत्म हो चुका है, जिससे परियोजना क्षेत्र में कई परेशानी हो रही है. क्षेत्र में पानी की समस्या को लेकर स्थाई समाधान होना चाहिए. टैंकर द्वारा पानी देकर मोटा रुपया कमाया जा रहा है. वहीं, इंजीनियर संजीव कुमार ने बताया कि कॉलोनी में पानी की समस्या को लेकर समाधान करने की कोशिश की जा रही है तथा पाइपलाइन की भी मरम्मत करायी जा रही है.
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