सरकारी स्कूल की किताबें अब बाजार में भी उपलब्ध
राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ायी जानेवाली किताबें अब बाजार में भी उपलब्ध हैं.
रांची : राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ायी जानेवाली किताबें अब बाजार में भी उपलब्ध हैं. राज्य गठन के बाद पहली बार सरकारी स्कूल में बच्चों को मिलनेवाली किताब बाजार में भी उपलब्ध करायी गयी हैं. मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय जहां पठन-पाठन सरकार के पाठ्यक्रम के अनुरूप होता है, उन स्कूलों के बच्चों को अब किताबें आसानी से मिल सकेंगी.
राज्य सरकार द्वारा सरकारी विद्यालयों में पढ़नेवाले कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को नि:शुल्क किताबें दी जाती हैं. बाजार में किताबें उपलब्ध नहीं थीं. इस कारण मान्यता प्राप्त विद्यालयों में पढ़नेवाले बच्चों को किताबें नहीं मिलती थी. बच्चे बाजार में उपलब्ध किताब की उत्तर कुंजी व निजी प्रकाशकों की किताब से पढ़ाई करते थे. ये किताबें पूरी तरह सरकारी विद्यालयों के पाठ्यक्रम के अनुरूप नहीं होती थीं. स्कूलों द्वारा बाजार में भी किताब उपलब्ध कराये जाने की काफी समय से मांग की जा रही थी.
कक्षा आठ में एक लाख से अधिक परीक्षार्थी
राज्य में कक्षा आठ में बोर्ड की परीक्षा ली जाती है. सरकारी और निजी स्कूलों के छात्रों के लिए परीक्षा जरूरी है. परीक्षा सरकारी स्कूलों के पाठ्यक्रम के अनुरूप ली जाती है, पर बाजार में किताबें उपलब्ध नहीं होने के कारण निजी स्कूल के छात्र बिना किताबें पढ़े ही परीक्षा में शामिल होते थे. इस वर्ष भी निजी स्कूलों से 1.18 लाख बच्चे परीक्षा में शामिल हुए थे.
पिछले वर्ष नहीं उपलब्ध करायी थीं किताबें
जेसीइआरटी ने वर्ष 2019-20 से ही कक्षा एक से आठ तक की किताबें बाजार में उपलब्ध कराने की बात कही थी. सरकारी स्कूलों में किताबें वितरण के लिए चयनित प्रिंटरों को किताबें उपलब्ध करानी थीं. लेकिन, प्रिंटरों ने समय पर बाजार में किताबें ही नहीं भेजीं. बाद में दुकानदारों ने किताबें लेने से इनकार कर दिया. लेकिन, इस वर्ष किताबें बाजार में उपलब्ध करा दी गयी हैं.
posted by : sameer oraon