खड़िया भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल कराने की अनुशंसा करे सरकार
खड़िया भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल कराने की अनुशंसा करे सरकार
रांची : रांची खड़िया साहित्य समिति, खड़िया सरना महासभा और तेलंगा खड़िया स्मारक समिति के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व मंत्री बंधु तिर्की व जनजातीय शोध संस्थान के निदेशक को स्मार पत्र सौंप कर खड़िया को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए पहल करने की मांग की है. प्रतिनिधिमंडल ने कहा है कि झारखंड सरकार एक संपूरक पत्र द्वारा खड़िया भाषा को भी आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए आवेदन पत्र अनुशंसित व अग्रसारित करे.
सदस्यों ने कहा कि खड़िया झारखंड की पांच जनजातीय भाषाओं में एक प्रमुख भाषा है. यह भाषा झारखंड, ओड़िशा, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, छत्तीसगढ़, अंडमान निकोबार व अन्य क्षेत्रों में लगभग 16 लाख लोगों द्वारा बोली जाती है. 1961 के भाषा सर्वेक्षण में भारत सरकार ने खड़िया को भाषा के रूप में स्वीकृति प्रदान की. रांची विवि में खड़िया भाषा की पढ़ाई 1976 से ही स्नातकोत्तर स्तर तक हो रही है.
1980 में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग की स्थापना हुई थी, जिसमें नौ भाषाओं को स्थान मिला. उनमें खड़िया भी एक थी. यूजीसी द्वारा हर साल नेट-जेआरएफ में खड़िया भाषा में कई विद्यार्थी सफल हो कर शोधरत हैं और कई पीएचडी की उपाधि प्राप्त कर चुके हैं. प्रतिनिधिमंडल में डॉ सुशील केरकेट्टा, अंजेलुस इंदवार, मरियानुस बाअ:, पार्षद कुलभूषण डुंगडुंग, जोगी खड़िया, मंगला खड़िया, डॉ मेरी एस सोरेंग, डॉ तारकेलेंग कुल्लू, डॉ अनिल वीरेंद्र कुल्लू, प्रो बंधु खड़िया आदि शामिल थे.