बेटे पूछते नहीं, अब डीसी साहेब का ही सहारा

एतवा व इंदु को नहीं मिल रही वृद्धावस्था पेंशन. गुमला : सदर प्रखंड के चाहा गांव के दंपती एतवा उरांव व इंदु उराइन वृद्धावस्था पेंशन की मांग को लेकर कभी बैंक, तो कभी जिला प्रशासन के अधिकारी के कार्यालय का चक्कर लगाने को विवश हैं. दंपती ने डीसी श्रवण साय से सहायता की गुहार लगायी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 1, 2017 11:52 AM
एतवा व इंदु को नहीं मिल रही वृद्धावस्था पेंशन.
गुमला : सदर प्रखंड के चाहा गांव के दंपती एतवा उरांव व इंदु उराइन वृद्धावस्था पेंशन की मांग को लेकर कभी बैंक, तो कभी जिला प्रशासन के अधिकारी के कार्यालय का चक्कर लगाने को विवश हैं. दंपती ने डीसी श्रवण साय से सहायता की गुहार लगायी है. इस गुहार को लेकर दंपती शुक्रवार को डीसी से मिलने गुमला समाहरणालय पहुंचे थे. चाहा से गुमला समाहरणालय की दूरी लगभग छह किमी है. दोनों डंडे के सहारे लड़खड़ाते हुए कदमों के साथ पैदल ही समाहरणालय पहुंचे थे.
समाहरणालय पहुंचने पर दोनों को पता चला कि शुक्रवार को हूल दिवस का सरकारी अवकाश है. दोनों के दो बेटे और एक बेटी है. तीनों शादीशुदा हैं. बेटी अपने ससुराल में रहती है और बेटे घर पर रहते हैं, जो दूसरे के घर और दुकान पर काम करते हैं. दोनों ने बताया कि उनके बच्चे न तो पूछते हैं और न ही देखभाल करते हैं. वृद्धावस्था पेंशन मिलती है. उसी से गुजारा चलता है, लेकिन इधर वृद्धावस्था पेंशन भी बंद हो गयी है. खाने के लाले पड़ गये हैं. दोनों ने बताया कि उन लोगों का खाता झारखंड ग्रामीण बैंक में है. बैंक गये थे.
बैंक में काम करने वालों ने बताया कि अब तक पेंशन की राशि खाता में नहीं आयी है. इस समस्या के समाधान के लिए गत दिनों भी डीसी साहेब से मिलने आये थे, लेकिन मिल नहीं पाये. शुक्रवार को आये, तो पता चल रहा है कि हूल दिवस की छुट्टी है. दोनों ने बताया कि अब डीसी साहेब का ही सहारा है.

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