घाघरा : प्रखंड के नेतरहाट रोड निवासी आदिम जनजाति परिवार के बिरसु असुर ने मंगलवार की शाम अपने घर में फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली. परिजन बिरसु के शव को लेकर उसके पैतृक गांव जोभीपाठ चले गये.
ग्रामीणों के अनुसार, बिरसु कल्याण विभाग गुमला में अनुबंध पर साढ़े तीन हजार मानेदय पर नौकरी करता था. चार माह पूर्व उसका पैर टूट गया था. अस्पताल में इलाज करा रहा था. इलाज पर काफी खर्च हो गया, जिससे उसके समक्ष आर्थिक तंगी की समस्या आ गयी थी.
उसकी परेशानी को देखते हुए उसकी बड़ी मां जो गुमला शास्त्री नगर में रहती है, उसका इलाज करा रही थी. वहीं पैसा की तंगहाली होने लगी, तो बिरसु ने मजबूर होकर आत्महत्या कर ली. हालांकि आत्महत्या के बाद पुलिस को बगैर जानकारी दिये परिजन शव को लेकर जोभीपाठ चले गये. इधर, बिरसु की पत्नी सुखमनिया का रो-रोकर बुरा हाल है. वहीं दो वर्षीया बेटी सेलीना की देखभाल कैसे होगी, इसकी चिंता उसे सताने लगी है.