बैल न खरीद पाया, किसान ने दी जान

दुर्जय पासवान/अजीत कुमार घाघरा (गुमला) : गुमला के घाघरा थाना क्षेत्र में शिवराजपुर पंचायत स्थित बड़काडीह गांव के किसान बिरसाई उरांव (60) ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली. वह आर्थिक तंगी से परेशान था. खेती का मौसम शुरू होते ही वह बैल खरीदने गुमला प्रखंड के पनसो बाजार गया था. पर जोड़ा बैल की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 11, 2017 6:14 AM

दुर्जय पासवान/अजीत कुमार

घाघरा (गुमला) : गुमला के घाघरा थाना क्षेत्र में शिवराजपुर पंचायत स्थित बड़काडीह गांव के किसान बिरसाई उरांव (60) ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली. वह आर्थिक तंगी से परेशान था. खेती का मौसम शुरू होते ही वह बैल खरीदने गुमला प्रखंड के पनसो बाजार गया था. पर जोड़ा बैल की कीमत अधिक होने के कारण खरीद नहीं पाया. जवान बेटी की शादी की भी चिंता थी. बिरसाई इस बार खूब खेती कर अगले साल बेटी की शादी करने की तैयारी में था. लेकिन बैल नहीं खरीद पाने से हताश हो गया और रविवार रात अपनी ही बारी में स्थित पेड़ पर फांसी लगा कर जान दे दी. उसे केसीसी लोन नहीं मिला था. वृद्धावस्था पेंशन भी स्वीकृत नहीं हुई थी. पत्नी सुकरो देवी ने बताया, छह दिन से वह बैल खरीदने का प्रयास कर रहे थे. पर अधिक दाम के कारण नहीं खरीद पाये, तो उदास हो गये. सुकरो बताती है, मैंने पति को समझाया था कि उदास होने की जरूरत नहीं,
उधारी लेकर ट्रैक्टर से खेत जोतवा कर फसल उगायेंगे. लेकिन रविवार रात उन्होंने बारी में फांसी लगा ली.
15 हजार में बेचे थे बूढ़े बैल : बिरसाई के पास दो बैल थे. पर दोनों बूढ़े हो गये थे. खेती के लायक नहीं थे. इस कारण उसने दोनों बूढ़े बैल को 15 हजार रुपये में बेच दिया था.
सोचा था, थोड़ी जमा पूंजी और मिला कर नया जोड़ा बैल खरीदेंगे और खेती करेंगे. पत्नी बताती है, सोमवार को वह नया बैल लेने पनसो बाजार गये थे. लेकिन जोड़ा बैल की कीमत 25 से 30 हजार रुपये थी. इतने पैसे उनके पास नहीं थे. वह चुपचाप घर लौट आये. सुकरो देवी ने अपने पति की मौत को लेकर यूडी केस दर्ज करायी है. इसमें कहा है कि घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. इस कारण बिरसाई उदास रहता था. गरीबी के कारण उसने आत्महत्या कर ली. बिरसाई के मरने के बाद थाने से एसआइ डीएन सिंह गांव भी गये. उन्होंने भी बताया कि गरीबी के कारण बिरसाई ने आत्महत्या की है.

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