पहल : विक्षिप्त मालती के घर पहुंचा प्रशासन, अधिकािरयों ने कहा दो कमरे का घर बनेगा, पेंशन मिलेगी

घाघरा(गुमला): घाघरा प्रखंड के गम्हरिया डाड़टोली की 80 वर्षीया मंगरी देवी व उसकी विक्षिप्त बेटी मालती की मार्मिक कहानी प्रभात खबर में छपने के बाद प्रशासन हरकत में आया. सोमवार को बीडीओ विजय कुमार सोनी, सीओ दिनेश गुप्ता व बीपीओ कांति कुमारी विक्षिप्त मालती के घर पहुंचे. वृद्धा मंगरी से घर की स्थिति और उसकी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 25, 2017 11:09 AM
घाघरा(गुमला): घाघरा प्रखंड के गम्हरिया डाड़टोली की 80 वर्षीया मंगरी देवी व उसकी विक्षिप्त बेटी मालती की मार्मिक कहानी प्रभात खबर में छपने के बाद प्रशासन हरकत में आया. सोमवार को बीडीओ विजय कुमार सोनी, सीओ दिनेश गुप्ता व बीपीओ कांति कुमारी विक्षिप्त मालती के घर पहुंचे. वृद्धा मंगरी से घर की स्थिति और उसकी बेटी के साथ हुई घटना की जानकारी ली. अधिकारियों ने देखा कि किस प्रकार मंगरी अपनी विक्षिप्त बेटी व नतिनी के साथ कष्ट भरी जीवन जी रही है.

समस्या सुनने व हालात देखने के बाद अधिकारियों ने कहा कि मंगरी की जमीन पर दो कमरों का घर बनेगा. मंगरी को वृद्धावस्था पेंशन मिलेगी. परिवार के नाम से नया राशन कार्ड बनेगा. विक्षिप्त की बेटी का स्कूल में दाखिला होगा. प्रशासन उसे गोद लेकर पढ़ायेगा. वहीं विक्षिप्त के इलाज की व्यवस्था की जायेगी.

इसके लिए प्रखंड के अधिकारियों ने कहा कि जिले के वरीय अधिकारी से बात करके विक्षिप्त के इलाज की व्यवस्था की जायेगी. वहीं विक्षिप्त के साथ घटी घटना की जानकारी वरीय अधिकारियों को दी जायेगी, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके. वृद्ध मंगरी की गरीबी व उसकी बेटी के साथ हुए कुकर्म की जानकारी जब प्रभात खबर को हुई, तो 23 जुलाई के अंक में परिवार की मार्मिक कहानी छापी गयी. परिवार की स्थिति की जानकारी डीसी को भी दी गयी. इसके बाद प्रशासन हरकत में आया है.

सीडब्ल्यूसी ने लिया स्वत: संज्ञान, केस दर्ज करने का निर्देश
गम्हरिया डाड़टोली की विक्षिप्त मालती के साथ हुए यौन शोषण व बच्चे के जन्म के मामले पर सीडब्ल्यूसी गुमला ने स्वत: संज्ञान लिया है. इस संबंध में चेयरमैन शंभु सिंह ने घाघरा थाना प्रभारी सुदामा चौधरी से फोन पर बात की. श्री सिंह ने थानेदार से कहा कि मालती के साथ घटित घटना पर एफआइआर दर्ज करें. वहीं विक्षिप्त मालती की सात वर्षीया बेटी को सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है, ताकि सीडब्ल्यूसी बच्ची को अपने संरक्षण में लेकर उसकी पढ़ाई की व्यवस्था करेगा. वहीं विक्षिप्त को भी सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए कहा गया, जिससे उसके इलाज की व्यवस्था व विक्षिप्त के गर्भ में पल रहे बच्चे का सही तरीके से जन्म अस्पताल में कराया जा सके. श्री सिंह ने कहा कि यह मानवता को शर्मशार करने वाली घटना है.

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