केला की खेती कर आर्थिक स्थिति सुधारेंगे किसान
गुमला : उद्यान्न विभाग जिले में केला (जी9 टिशु कल्चर) की खेती को बढ़ावा देने का काम कर रहा है. इससे न केवल क्षेत्र के किसान आर्थिक दृष्टिकोण से सुदृढ़ होंगे, बल्कि जिले के लोगों को केला के लिए किसी दूसरे राज्य के भरोसे भी नहीं रहना पड़ेगा. विभाग के प्रयास से वर्ष 2016-17 में […]
गुमला : उद्यान्न विभाग जिले में केला (जी9 टिशु कल्चर) की खेती को बढ़ावा देने का काम कर रहा है. इससे न केवल क्षेत्र के किसान आर्थिक दृष्टिकोण से सुदृढ़ होंगे, बल्कि जिले के लोगों को केला के लिए किसी दूसरे राज्य के भरोसे भी नहीं रहना पड़ेगा. विभाग के प्रयास से वर्ष 2016-17 में जिले के सात प्रखंडों (गुमला, घाघरा, पालकोट, भरनो, डुमरी, रायडीह व सिसई प्रखंड) में 29 लाभुकों ने 86 एकड़ भूमि पर केला की खेती की है. गत वर्ष सितंबर में पौधा लगाया गया था, जो अब पौधा बड़ा हो गया है.
गुमला में फल भी तैयार होने लगा है. विभाग ने 86 एकड़ भूमि पर केला की खेती के लिए 52.5 लाख रुपया खर्च किया है. इन पौधों में तीन से चार बार फसल लगेगी, जिससे अनुमानत: दो से ढाई करोड़ रुपये की आमदनी किसानों को होगी. फसल तैयार होने के बाद विभाग द्वारा ही किसानों को फसल की बिक्री के लिए बाजार भी उपलब्ध कराया जायेगा.
कहां कितनी खेती : गुमला प्रखंड में 15.75 एकड़ भूमि, घाघरा में 10 एकड़, पालकोट में 11.27 एकड़, भरनो में 15 एकड़, डुमरी में चार एकड़, रायडीह में 12 एकड़ और सिसई प्रखंड में 18.5 एकड़ भूमि पर केला की खेती की गयी है. घाघरा के खंभिया निवासी राम साहू ने कहा कि केला की खेती हम किसानों के लिए वरदान की तरह है. उद्यान्न विभाग ने केला की खेती के लिए सहयोग किया. मैंने पांच एकड़ भूमि पर खेती की है. फसल तैयार होने के बाद लाखों रुपये की आमदनी होगी, जिससे आर्थिक स्थिति में सुधार होगा.
जिले के कई किसान केला की खेती करना चाहते हैं. जिन किसानों ने केला की खेती के लिए आवेदन दिया, उन किसानों को लाभुक बना कर खेती करायी गयी है. सात प्रखंडों के 29 किसानों की 86 एकड़ भूमि पर खेती करायी गयी है. फसल तैयार होने के बाद किसानों को लाखों रुपये की आमदनी होगी.
अरुण कुमार सिंह, जिला उद्यान पदाधिकारी, गुमला.