प्रतिनिधि, गुमला
खेत की जुताई, इसके बाद धान रोपनी फिर धान के पकने के बाद उसे काटने में एक किसान को चार महीनें की मेहनत लगती है. इन चार महीनों में किसान अपना पूरा समय खेत को देता है. जिससे फसल तैयार हो और घर की रोजी-रोटी चल सके. लेकिन अगर तैयार धान नष्ट हो जाए तो किसान के सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो जाती है. कुछ ऐसा ही घटना सिसई प्रखंड के लकैया गांव में घटी.
लकेया गांव में मंगलवार की आधी रात को अज्ञात असामाजिक तत्वों ने किसान अजरुन महतो के खलिहान में आग लगा दी. जिससे अजरुन का पांच गांज धान जलकर राख हो गया. अजरुन के बेटे गजेंद्र महतो ने बताया कि बुधवार की अहले सुबह तीन बजे उठकर खलिहान की ओर गये, तो देखा कि खलिहान में आग धधक रही है.
शोर मचाकर आसपास के लोगों को जगाया गया. तब ग्रामीणों के सहयोग से आग बुझाने का प्रयास किया गया. लेकिन तब तक धान पूरी तरह जलकर राख हो गया था. उन्होंने कहा कि हमने खेत से धान काटकर खलिहान में जमा किया था. आगजनी से 50 क्विंटल धान जल गयी. जिससे लगभग 75 हजार रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ है.
उन्होंने कहा कि धान जलने से घर में भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जायेगी. क्योंकि इस धान के अलावा कोई दूसरा जीविका का साधन नहीं था. इधर, सूचना मिलने पर मुखिया सुगिया देवी ने आगजनी स्थल पहुंचकर किसान को अंचल से आर्थिक सहयोग दिलाने का आश्वासन दिया है.