Jharkhand : नक्सली नेता सुधाकरण के ”मददगार” गुमला के ठेकेदार के घर NIA का छापा, बाघ का खाल, कई दस्तावेज जब्त
गुमला :झारखंड से नक्सलवाद के सफाये के अभियान में पुलिस और सुरक्षा बलों के जवानों के साथ-साथ नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA)भी सक्रिय हो गयी है. पुलिस और सुरक्षा बलों की आंख में बार-बार धूल झोंकने वाले बड़े नक्सली नेता सुधारकरण के तमाम ठिकानों और मददगारों पर NIA लगातार छापामारी कर रही है. एक करोड़ रुपये […]
गुमला :झारखंड से नक्सलवाद के सफाये के अभियान में पुलिस और सुरक्षा बलों के जवानों के साथ-साथ नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA)भी सक्रिय हो गयी है. पुलिस और सुरक्षा बलों की आंख में बार-बार धूल झोंकने वाले बड़े नक्सली नेता सुधारकरण के तमाम ठिकानों और मददगारों पर NIA लगातार छापामारी कर रही है. एक करोड़ रुपये के इनामी नक्सली नेता सुधाकरण के बारे में एजेंसी एक-एक जानकारी जुटा रही है. इसलिए उसके सुरक्षित ठिकानों पर गुमला में लगातार छापेमारी कर रही है. बुधवार को भी एक ठेकेदार के यहां छापामारी की गयी, जहां से बाघके खाल के साथ-साथ कई जरूरी कागजात जब्त किये गये हैं.
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माना जाता है कि गुमला जिले का बड़ा ठेकेदार मनोज सिंह भाकपा माओवादी के पोलित ब्यूरो सदस्य सुधाकरण रेड्डी का मददगार है. सुधाकरण लेवी से पैसे जुटाताहै और उस पैसे को बाजार में मनोज सिंह की मदद से खपा देता है. निवेश के रास्ते नक्सली नेताओं की मोटी कमाई में मनोज सिंह कथित तौर पर उनकी मदद करता है. इसलिए सुधाकरण की संपत्ति की जांच में जुटी एनआइए सिसई रोडस्थित मनोज सिंह के घर छापेमारी की. करीब 12 घंटे की गहन जांच के बाद एजेंसी ने लेन-देन से संबंधित कई महत्वपूर्ण कागजात जब्त किये.
मनोज के पिता राजेश्वर सिंह से घंटों पूछताछ की गयी. खबर है कि जांच के दौरान एनआइए के अधिकारियों ने घर में मौजूद लॉकर भी तोड़ा. लॉकर में रखे गये पैसों के स्रोत की जानकारी ली. घर से एके-47 राईफल की मिसफायर हुई गोली मिली है. बाघ का खाल भी मिला है, जिसे अधिकारियोंने जब्त कर लिया.
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ज्ञात हो कि 19 नवंबर को भी एनआइए की टीम ने गुमला में छापामारी की थी. उस समय सुधाकरण के भाई नारायण बी रेड्डी, सहयोगी सत्यनारायण रेड्डी व पलामू के केंदू पत्ता व्यवसायी को साथ लेकर अायी थी. रिपोज रेस्ट हाउस में जांच की थी. रेस्ट हाउस का रजिस्टर जब्त कर लिया था. इसके साथ ही रेस्ट हाउस के मैनेजर को अपने साथ ले गयी थी और शाम को उसे छोड़ दिया था. बताया जाता है कि रिपोज रेस्ट हाउस नक्सलियों का सुरक्षित ठिकाना रहा है. बूढ़ा पहाड़ पर जब पुलिस सघन अभियान चलाती थी, तब सुधाकरण अपने साथियों के साथ इस रेस्ट हाउस में शरण लेता था.
सूत्रों की मानें, तो रिपोज रेस्ट हाउस के मालिक से पूछताछ के आधार पर ही NIA ने ठेकेदार मनोज सिंह पर हाथ डाला है. सुबह 10 बजे के आसपास शुरू हुई छापेमारी की कार्रवाई समाचार लिखे जाने तक जारी है.