चाचा से मिले हुनर को बनाया रोजगार का जरिया

कुर्सियां, मोड़हा स्टूल एवं बड़ा स्टूल बनाकर जीविका चला रहा विनय टोप्पो. जारी(गुमला) : हाथ में हुनर हो और मन में दृढ़ इच्छाशक्ति, तो कोई काम असंभव नहीं है. अपनी इसी इच्छाशक्ति एवं मेहनत के बल पर परमवीर अलबर्ट एक्का जारी प्रखंड स्थित सीसी पतराटोली गांव के पवन टोप्पो ने घरेलू सामान एवं कम लागत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 12, 2018 5:21 AM

कुर्सियां, मोड़हा स्टूल एवं बड़ा स्टूल बनाकर जीविका चला रहा विनय टोप्पो.

जारी(गुमला) : हाथ में हुनर हो और मन में दृढ़ इच्छाशक्ति, तो कोई काम असंभव नहीं है. अपनी इसी इच्छाशक्ति एवं मेहनत के बल पर परमवीर अलबर्ट एक्का जारी प्रखंड स्थित सीसी पतराटोली गांव के पवन टोप्पो ने घरेलू सामान एवं कम लागत में अच्छी कुर्सियां, मोड़हा स्टूल एवं बड़ा स्टूल बना कर अच्छी कमायी कर युवाओं के प्रेरणा स्रोत बना हुआ है. पवन टोप्पो बताता है कि हाथ से बने स्टूल एवं कुर्सी की मांग बहुत है. सामान बनते ही हाथों हाथ बिक जाता है. अभी भी 60-70 कुर्सी स्टूल की मांग है, परंतु घर का काम भी देखना पड़ता है, इसलिए उनकी मांग को पूरा नहीं कर पा रहा हूं. इंटरमीडिएट तक पढ़ाई कर चुके पवन टोप्पो के अनुसार, वह विगत चार वर्षों से इस काम में लगा हुआ है. महीने भर लगातार कार्य करने पर आठ से 10 हजार रुपये घर बैठे कमा लेता हैं.
कुर्सी को बाहर बेचने की भी जरूरत नहीं है. घर से ही लोग खरीद कर ले जाते हैं. महीने में 15 से 16 अलग-अलग साइज की कुर्सियां व स्टूल बन जाता है. स्टूल में लगने वाले सामान बांस, कांटी और केन रस्सी भी आसानी से बाजार में मिल जाता है. एक बड़ा बांस से 10 छोटा-बड़ा स्टूल बन जाता है. एक मोड़हा स्टूल की कीमत 400 से 500, बड़ा स्टूल 700 और कुर्सी 2500 रुपये में बिकता है. पसंद के अनुसार स्टूल 10 इंच, 18 इंच और 20 इंच का बनाया जाता है. पवन बताता है कि अगर कुर्सी व स्टूल को आग आदि से सुरक्षित रखा जाये, तो 40 से 60 साल तक कुर्सी का लाइफ रहता है. कुर्सी बनाने की प्रेरणा कहां से मिली, पूछे जाने पर उसने कहा कि वह अपने चाचा बासिल टोप्पो के पास गुमला गया था. उसके चाचा यह सभी सामान बनाते हैं. उन्होंने ही कहा कि यह काम सीख लो, समय पर तुम्हें काम देगा. उन्हीं से सीखने के पश्चात अपने घर सीसी पतराटोली आकर मैं इस कार्य को विगत चार वर्ष से कर रहा हूं. फिलहाल इसका प्रशिक्षण देने के लिए मुझे गिरिडीह में आमंत्रित किया गया है.
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