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आठ माह बाद पीएलएफआइ ने उपस्थिति करायी दर्ज

एक मोटरसाइकिल से तीन उग्रवादी पहुंचे थे मुंशी रामकुमार सिंह की हत्या से दहशत में लोग बसिया(गुमला) : सितंबर 2017 में कामडारा प्रखंड में उग्रवादियों ने दंपती की हत्या की थी. इसके बाद पुलिस की दबिश से कुछ उग्रवादी छिप गये, तो कुछ उग्रवादी पलायन कर गये. कई उग्रवादियों को पुलिस ने जाल बिछा कर […]

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एक मोटरसाइकिल से तीन उग्रवादी पहुंचे थे

मुंशी रामकुमार सिंह की हत्या से दहशत में लोग
बसिया(गुमला) : सितंबर 2017 में कामडारा प्रखंड में उग्रवादियों ने दंपती की हत्या की थी. इसके बाद पुलिस की दबिश से कुछ उग्रवादी छिप गये, तो कुछ उग्रवादी पलायन कर गये. कई उग्रवादियों को पुलिस ने जाल बिछा कर पकड़ा और जेल भेज दिया था. लेकिन आठ माह बाद सोमवार को मुंशी रामकुमार सिंह की हत्या कर पीएलएफआइ के उग्रवादियों ने अपनी उपस्थिति पुन: दर्ज कराने का प्रयास किया है. मुंशी की हत्या के बाद इलाके में दहशत है. जैसा घटना स्थल से जानकारी मिली है
: रामकुमार सिंह फिलहाल शांति सेना के सदस्य कारू सिंह (जो अभी जेल में है) के घर पर रहता था. साथ ही वह महाराजगंज से द्वारसेनी तक सात किमी बन रही सड़क में मुंशी का काम करता था. वह अक्सर सड़क निर्माण स्थल की तरफ पुलिस फोर्स की मूवमेंट होने पर ही जाता था. लेकिन सोमवार को वह अकेले मोटर साइकिल से सड़क निर्माण की स्थिति को देखने पहुंचा था. सुबह 10.30 बजे बोंडेकेरा में सड़क के कालीकरण का काम शुरू कराने के बाद वह महाराजगंज में चाय-नास्ता करने गया था. कुछ देर के बाद वह महाराजगंज से बोंडेकेरा बाइक से अकेले आया. वह सड़क कालीकरण स्थल पर रूका और पेशाब करने चला गया. इसी बीच महाराजगंज की ओर से एक बाइक से तीन उग्रवादी पहुंचे. रामकुमार सिंह के पास गाड़ी रोकी और एक उग्रवादी ने उसे दो गोली मारी.
इसके बाद वे लोग चलते बने. गोली चलने की आवाज सुनने के बाद सड़क निर्माण स्थल पर मौजूद एक अन्य मुंशी नवाडीह निवासी सूरज जायसवाल, खूंटी निवासी दिनेंद्रनाथ उर्फ दिनू, गांव के राम प्रसाद सिंह, अमरेश्वर सिंह, राजेश सिंह व सोहन सिंह डर से जंगल की ओर भाग गये. जब पुलिस पहुंची, तो ये लोग आये. इधर, घटना की सूचना मिलते ही एसपी अंशुमान कुमार, एएसपी सरोज कुमार, एसडीपीओ बच्चनदेव कुजूर, इंस्पेक्टर अरविंद कुमार, बसिया थानेदार अशोक कुमार व कामडारा थानेदार नरेश प्रसाद सिन्हा पुलिस बल के साथ बोंडेकेरा पहुंचे. उन्होंने घटना की जानकारी ली. साथ ही उग्रवादियों के खिलाफ इलाके में छापामारी अभियान शुरू करने का निर्देश दिया. उल्लेखनीय है कि सड़क का ठेकेदार गुड्डू जायसवाल है.
बड़े भाई को माओवादियों ने मारा था
रामकुमार सिंह के बड़े भाई रामकृष्णा सिंह थे. उसकी हत्या वर्ष 2002 में भाकपा माओवादियों ने कर दी थी. सबसे बड़ी बात कि रामकृष्णा की भी हत्या बोंडेकेरा के समीप ही घटी थी. जिस स्थान पर सोमवार को रामकुमार की हत्या हुई, उस स्थान से एक किमी दूरी पर रामकृष्णा की हत्या हुई थी. इसका पूरा परिवार शुरू से ही उग्रवादियों के निशाने पर रहा है.
रामकुमार की हत्या उग्रवादियों ने की है. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है. उग्रवादियों की धर-पकड़ के लिए अभियान चल रहा है.
अंशुमान कुमार, एसपी, गुमला

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